नई दिल्ली, एजेंसी : यूपी के रहने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने अफगानिस्तान में होने वाली क्रूरता की तुलना हिंदुस्तान से कर दी है। उन्होंने कहा कि जितनी क्रूरता अफगानिस्तान में है, उससे ज्यादा क्रूरता तो हमारे यहां पर पहले से ही है। पहले रामराज था, लेकिन अब कामराज है। उनके इस बयान के बाद से ही वह  कई नेताओं और लोगों के निशाने पर आ गए हैं। जब से तालिबान का अफगानिस्तान में राज शुरू हुआ है कई लोग इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इनमें कुछ लोगों की प्रतिक्रिया काफी विवादित भी है।

शायर मुनव्वर राणा भी इस सूची में शामिल हो गए हैं, उनका कहना है कि अगर राम से काम है तो ठीक, वरना कुछ भी नहीं। इसके बाद वह भाजपा समेत अन्य दलों के निशाने पर आ गए हैं। भाजपा ने इसे देश विरोधी बयान करार दिया है।

राणा इससे पहले भी कई विवादित बयान दिए हैं

यूपी में भी हो रहा है तालिबान जैसा काम

उत्तर प्रदेश सरकार के देवबंद में एटीएस सेंटर खोलने पर मुनव्वर राणा ने कहा कि जब तक योगी सरकार है कुछ भी कर सकती है। लेकिन मौसम हमेशा एक-सा नहीं रहता है। धर्मांतरण जैसे मसलों से मुल्क बर्बाद होता है, लेकिन हम चाहते हैं कि हमारा मुल्क पहले जैसा था, वैसा हो जाए। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश में भी तालिबान जैसा काम हो रहा है।

भारत को बताया था सांप्रदायिक देश

अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले राणा ने कुछ दिन पहले भारत को सांप्रदायिक देश बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत अब धर्मनिरपेक्ष देश नहीं रहा, बल्कि ये सांप्रदायिक देश हो गया है। यहां अब सिर्फ रात दिन राम की बात होती है, खबरों में सिर्फ राम मन्दिर होता है, जबकि हिंदुओं को खुश करने के लिए मुसलमानों को मारा जा रहा है।

योगी फिर चुनाव जीते को छोड़ दूंगा यूपी

इससे पहले मुनव्वर राणा ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बने तो वह राज्य छोड़ देंगे। मान लेंगे कि ये राज्य मुसलमानों के रहने लायक नही है। इसी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा था कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम दोनों एक दूसरे के खिलाफ सिर्फ दिखाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं।

फ्रांस पर हुए हमले पर भी दिया था विवादित बयान

फ्रांस में हुए हमले पर भी शायर राणा ने विवादित बयान दे दिया था। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि अगर कोई उनके माता-पिता या भगवान का गंदा कार्टून बनाता है, तब वे भी उसकी हत्या कर देंगे। कोई हमारे माता-पिता या फिर भगवान का गंदा, आपत्तिजनक कार्टून बनाता है तो हम उसे मार देंगे।

सरकार खुद चाहती थी कि हिंसा हो

नई दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा के लिए मुनव्वर राणा ने केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि सरकार खुद चाहती थी कि हिंसा हो, जिसके बाद किसानों को मारपीट कर भगा दिया जाए. लाल किले पर धार्मिक झंडे को फहराने पर मुन्नवर राणा ने कहा कि जब आरएसएस के मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फहरता है तो कोई भी झंडा कहीं भी फहराया जाए क्या फर्क पड़ता है और अब लाल किला भी लाल किला नहीं रहा, वो डालकिला हो चुका है।

सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ राजद्रोह का केस

इससे पहले तालिबानी लड़ाकों की देश के स्वतंत्रता सेनानियों के साथ तुलना करने पर समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के खिलाफ राजद्रोह समेत कई धाराओं में संभल कोतवाली पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की गई है। यह कार्रवाई भाजपा नेता की तहरीर के आधार पर की गई। भाजपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश सिंघल ने संभल कोतवाली में दी तहरीर में बताया कि सपा सांसद डॉ. बर्क ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की तुलना अफगानिस्तान में आतंक मचा रहे तालिबानी लड़ाकों से की है। इसी तहरीर के आधार पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है।

तालिबान की जीत के लिए अल्लाह को शुक्रिया

इसके साथ ही समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद शफीकुर रहमान बर्क के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी भी तालिबान के समर्थन में उतर आए थे। उन्होंने बयान जारी कर अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को जायज बताया था। उन्होंने कहा कि तालिबान ने पूरी दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं को धूल चटाई है। इन नौजवानों ने काबुल की जमीन को चूमा है। उन्होंने तालिबान की जीत के लिए अल्लाह को शुक्रिया कहा। हिंदुस्तान का मुसलमान, तालिबान को सलाम करता है। नोमानी ने आगे कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे एक निहत्थी कौम ने दुनिया की सबसे मजबूत फौजों का मुकाबला किया और काबुल के महल में वे दाखिल हो गए। उनमें किसी भी तरह का घमंड नहीं था, बड़े बोल नहीं थे। एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है।

 

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