नई दिल्ली, एजेंसी : व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर पिछले साल से ही बवाल चल रहा है। इसी साल फरवरी में व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू होने वाली थी लेकिन विरोध के बाद कंपनी ने इसे मई तक के लिए टाल दिया था। उसके बाद व्हाट्सएप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी लागू कर दी है।

अब नए आईटी मंत्री के पद संभालते ही व्हाट्सएप ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि उसने स्वेच्छा से अपडेट को तब तक के लिए रोक रखा है, जब तक इस पर फैसला नहीं आ जाता। व्हाट्सएप ने यह भी कहा है कि वह पॉलिसी स्वीकार करने के लिए यूजर पर दबाव नहीं बनाएगा और ना ही किसी फीचर को बंद उन यूजर्स के लिए बंद करेगा जिन्होंने पॉलिसी स्वीकार नहीं की है।

समक्ष यह भी साफ किया कि इस बीच वह नई निजता नीति को नहीं अपनाने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोग के दायरे को सीमित नहीं करेगा। व्हाट्सएप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘‘हम स्वत: ही इस (नीति) पर रोक लगाने के लिए तैयार हो गए हैं। हम लोगों को इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।’’ साल्वे ने कहा कि इसके बावजूद व्हाट्सएप अपने उपयोगकर्ताओं के लिए अपडेट का विकल्प दर्शाना जारी रखेगा।

अदालत फेसबुक और उसकी सहायक कंपनी व्हाट्सएप की अपीलों पर सुनवाई कर रही है जो व्हाट्सएपकी नई निजता नीति के मामले में जांच के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करने के एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल की गयी हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट में व्हाट्सएप से डाटा प्राइवेसी पर भी सवाल पूछे गए। हाईकोर्ट ने व्हाट्सएप से पूछा कि आपके खिलाफ आरोप है कि आप यूजर्स का डाटा दूसरी कंपनियों को देते हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि भारत के लिए व्हाट्सएप की अलग नीति है, जबकि यूरोप के लिए अलग, ऐसा क्यों?

 

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