नयी दिल्ली, एजेंसी। संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार करने से ‘दुखी’ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को कहा कि यह कोई राजनीतिक समारोह नहीं, बल्कि संसद का कार्यक्रम था, ऐसे में सभी को संसदीय परंपराओं को बनाये रखना चाहिए ।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ किसी को कोई भी समस्या थी, तो वे मुझसे चर्चा कर सकते थे । मैं उनकी (विपक्ष) अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करता।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिपक्ष को सम्मान देना मेरी जिम्मेदारी है और मैं भरपूर कोशिश भी करता हूं।’’

उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज लोकतंत्र के लिए आवश्यक है, ऐसे में संसद की अच्छी परंपराओं एवं परिपाटी को बनाये रखना चाहिए ।

बिरला ने कहा कि ये संसद का कार्यक्रम था, केंद्र सरकार का नहीं । लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोशिश करनी चाहिए कि जिस कार्यक्रम में राष्ट्रपति आ रहे हों, वहां परंपरा को बनाये रखा जाए।

उन्होंने कहा कि हाल ही में पीठासीन सभापतियों के सम्मेलन में इस बात पर सहमति भी बनी थी कि राष्ट्रपति के अभिभाषण जैसे कार्यक्रमों में व्यवधान पैदा नहीं किया जायेगा।

बिरला ने कहा कि जिस प्रकार से कार्यक्रम का बहिष्कार किया गया और इससे वे काफी दुखी हैं।

एक सवाल के जबाब में उन्होंने कहा कि संविधान दिवस पर कार्यक्रम में राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के कार्यालय को सूचित किया गया था और मंच पर उनके बैठने की व्यवस्था भी की गई थी ।

संसद के केंद्रीय कक्ष में संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप, माकपा, भाकपा, द्रमुक, अकाली दल, शिवसेना, राकांपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, आरएसपी, आईयूएमएल जैसे दलों के नेता शामिल नहीं हुए।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह सरकार प्रजातंत्र और संविधान के जश्न के आयोजन में विपक्ष का सम्मान नहीं करती और संसदीय लोकतंत्र का अपमान करती है, जिस कारण कई विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम से अलग रहने का फैसला किया।

दूसरी ओर, विपक्षी दलों द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिये संसद में लाये जाने वाले विधेयक पर विस्तृत चर्चा कराने की मांग किये जाने के बारे में एक सवाल के जवाब में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की जब बैठक होगी, तब उसमें सभी दलों के प्रतिनिधि होंगे और वहां पर विषय तय किये जायेंगे। ’’

उन्होंने कहा कि बीएसी जिन विषयों को तय करेगी, उसके अनुरूप वह सदन चलाने का प्रयास करेंगे ।

 

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