नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव (PLI) स्कीम पर हुई वेबिनार में शामिल हुए। उन्होंने देश में मोटे अनाज (मिलेट्स) के उत्पादन पर जोर देते हुए कहा, ‘भारत के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) ने साल 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया है। इससे किसानों विशेषकर छोटे किसानों को बहुत फायदा होगा। इसलिए एग्रीकल्चर और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से भी आग्रह है कि इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और मिलेट्स मिशन को आगे बढ़ाने के बारे में सोचें।’

मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगा तो रोजगार भी बढ़ेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सामने दुनियाभर से उदाहरण हैं जहां देशों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाकर, देश के विकास को गति दी है। बढ़ती हुई मैन्युफैक्चरिंग क्षमता देश में एम्प्लॉयमेंट जेनरेशन को भी उतना ही बढ़ाती है। हमारी नीति और रणनीति हर तरह से स्पष्ट है। हमारी सोच है- मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस और और हमारी अपेक्षा है जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट।

मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार मानती है कि हर चीज में सरकार का दखल समाधान के बजाय समस्याएं ज्यादा पैदा करता है। इसलिए हम सेल्फ रेग्युलेशन, सेल्फ अटेस्टिंग, सेल्फ सर्टिफिकेशन पर जोर दे रहे हैं।’

फूड प्रोसेसिंग में PLI से पूरे एग्रीकल्चर सेक्टर को फायदा होगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि एडवांस सेल बैटरीज, सोलर PV मॉड्यूल्स और स्पेशियलिटी स्टील को मिलने वाली मदद से देश में एनर्जी सेक्टर आधुनिक होगा। इसी तरह टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को मिलने वाली PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव) से हमारे पूरे एग्रीकल्चर सेक्टर को फायदा होगा।

PLI स्कीम्स के लिए बजट में 2 लाख करोड़ दिए

मोदी ने कहा कि ये PLI जिस सेक्टर के लिए है, उसको तो लाभ हो ही रहा है, इससे उस सेक्टर से जुड़े पूरे ईकोसिस्टम को फायदा होगा। ऑटो और फार्मा में PLI से ऑटो पार्ट्स, मेडिकल इक्विपमेंट और दवाओं के रॉ मटीरियल से जुड़ी विदेशी निर्भरता बहुत कम होगी। इस साल के बजट में PLI स्कीम से जुड़ी योजनाओं के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रोडक्शन का औसतन 5% इन्सेन्टिव के रूप में दिया गया है।

 

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