नई दिल्ली : कैबिनेट की बैठक में एलआईसी आईपीओ को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया। दरअसल, आईपीओ-बाउंड एलआईसी में एफडीआई की अनुमति दे दी गई है। रिपेार्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक में एलआईसी में ऑटोमेटिक रूट से 20 प्रतिशत तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी पर मुहर लगाई गई है।
विदेशी निवेश का रास्ता खुलेगा
गौरतलब है कि पहले से उम्मीद जताई जा रही थी कि निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार एफडीआई नियमों में बदलाव कर सकती है। अभी एफडीआई की जो पॉलिसी है, उसके मुताबिक बीमा क्षेत्र में ऑटोमैटिक रूट से 74 फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत है। लेकिन, यह नियम एलआईसी पर लागू नहीं होता है। इसकी वजह यह है कि एलआईसी के लिए सरकार का अलग एक्ट है, जिसे एलआईसी एक्ट कहा जाता है। इस फैसले के बाद एलआई के प्रस्तावित आईपीओ में विदेशी निवेश का रास्ता खुल जाएगा।
मार्च में आ सकता है आईपीओ
कैबिनेट ने पिछले साल जुलाई 2021 में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को मंजूरी दी थी। इसके लिए मसौदा दस्तावेज बीती 13 फरवरी को बाजार निमायक सेबी के पास जमा कराया गया था और उम्मीद है कि मार्च में इसे लॉन्च किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ होगा। इसके जरिए सरकार अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी। इस आईपीओ का साइज 63,000 करोड़ रुपये हो सकता है।
कर्मचारियों-पॉलिसी धारकों का हिस्सा रिजर्व
गौरतलब है कि एलआईसी के आईपीओ में 10 फीसदी हिस्सा पॉलिसी धारकों के लिए रिजर्व रखा जा सकता है, जबकि पांच फीसदी हिस्सा कंपनी के कर्मचारियों के रिजर्व रखा जा सकता है। बता दें कि बाजार नियामक सेबी के पास जमा कराए गए एलआईसी के मसौदा दस्तावेज (डीआरएचपी) के मुताबिक, साफ तौर पर कहा गया है कि अगर पॉलिसी धारक 28 फरवरी 2022 तक अपना पैन अपडेट नहीं कराता है तो वह उसके आईपीओ में भाग लेने के लिए हकदार नहीं होगा।
पूरी तरह ऑफर फॉर सेल आईपीओ
एलआईसी का ये आईपीओ अब तक सबसे बड़ा आईपीओ होगा। सेबी में सौंपे गए डीआरएपी के अनुसार, एलआईसी का इश्यू पूरी तरह ऑफर फॉर सेल होगा। इसमें सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी के अंतर्गत 31.6 करोड़ शेयर जारी करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिसाब से कंपनी की एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये होगी। अमूमन किसी बीमा कंपनी का मार्केट कैप इस वैल्यू का चार गुना होता है। इस हिसाब से देखें तो एलआईसी की मार्केट वैल्यू 288 अरब डॉलर यानी करीब 22 लाख करोड़ रुपये होगी और एलआईसी देश की सबसे बड़ी मूल्यवान कंपनी बन जाएगी।