नई दिल्ली : केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के दावे के विपरीत अब तेलंगाना बिजली विभाग के अधिकारियों ने भी चीनी साइबर हमले का दावा किया है। अधिकारियों के मुताबिक, मुंबई में पिछले साल 12 अक्टूबर को चीनी हैकर्स ने पावर सप्लाई सिस्टम में सेंध लगाकर 12 घंटे ब्लैकआउट कर दिया था। उसी दिन तेलंगाना में भी 40 सब-स्टेशन को भी इन हैकर्स ने टारगेट किया था। हालांकि, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) से अलर्ट मिलने के बाद इसे असफल कर दिया गया।
टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको पर हुआ हमला
अधिकारियों के मुताबिक, चीनी हैकर्स के द्वारा तेलंगाना स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको पावर सिस्टम को हैक करने की कोशिश की। CERT-IN से अलर्ट मिलने के बाद इन सेंटर्स ने फौरन कार्रवाई करते हुए IP सर्वर को ब्लॉक कर दिया। साथ ही रिमोट ऑपरेशन के लिए कंट्रोल फंक्शन को भी बंद कर दिया। टीएस ट्रांस्को और टीएस गेनको तेलंगाना की प्रमुख पावर यूटिलिटी हैं।
बिजली सप्लाई पर ज्यादा हमले
अमेरिकी कंपनी रिकॉर्डेड फ्यूचर के मुताबिक चीनी हैकर्स की ओर से अब तक NTPC, 5 रिजनल लोड डिस्पैच सेंटर और दो बंदरगाह पर साइबर अटैक किया गया है। इससे पहले इसी कंपनी ने मुंबई में पिछले साल हुए ब्लैकआउट के पीछे चीनी हैकर्स के हाथ होने का खुलासा किया था। अब तक चीनी हैकर्स ने भारत की बिजली सप्लाई को ज्यादा टारगेट किया है। इसके पीछे उनका एकमात्र उद्देश्य देश की इंटरनल सिस्टम को डिस्टर्ब करना है।
गलवान हिंसा के बाद बढ़ी घटनाएं
रिकॉर्डेड फ्यूचर ने दावा है कि गलवान में हुई हिंसा के बाद चीनी हैकर्स लगातार भारत के इंटरनल सिस्टम को हैक करने की साजिश कर रहे हैं। कुछ में वे सफल भी हुए हैं। उन्होंने भारतीय कंपनियों को इसके लिए अलर्ट भी रहने की सलाह दी है। हालांकि, सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-IN) और नेशनल क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) जैसे संगठन इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी पर भी हमला
दो दिन पहले भी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन के हैकर्स ने भारत में कोरोना वैक्सीन तैयार कर रही दो कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक पर भी साइबर हमले किए थे। हालांकि, चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर ऐसे किसी भी आरोपों से इनकार कर दिया था।