नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (24 मई) को कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि दिए जाने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। दरअसल, कोर्ट ने कोविड-19 से मरने वालों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति की मांग वाली याचिका पर सरकार से सवाल किया है कि क्या कोरोना से पीड़ित लोगों के लिए कोई एक समान पॉलिसी है?
10 दिनों में मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर केंद्र को नोटिस भेजकर 10 दिनों में जवाब मांगा है। बता दें कि जनहित याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट राज्य सरकारों को निर्देश दे कि मृत्यु प्रमाण पत्र या अन्य आधिकारिक दस्तावेजों में मौत की वजह कोरोना वायरस दर्ज किया जाए।
समान नीति अपनाने का दिया निर्देश
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्र को कोविड-19 से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि इसके लिए समान नीति अपनाई जाए।
दो अलग-अलग याचिकाओं पर चल रही थी सुनवाई
शीर्ष अदालत दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। इन याचिकाओं में केंद्र और राज्यों को साल 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को चार लाख रुपये अनुग्रह राशि देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए समान नीति अपनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
अगली सुनवाई के लिए 11 जून की तारीख तय
पीठ ने कहा, ‘जब तक कोई आधिकारिक दस्तावेज या मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति नहीं होगी, जिसमें कहा गया हो कि मृत्यु का कारण कोविड था, तब तक मृतक के परिवार वाले किसी भी योजना के तहत, अगर ऐसी कोई है, मुआवजे का दावा नहीं कर पाएंगे।’ पीठ ने केंद्र को अपना रुख स्पष्ट करने का निर्देश देते हुए मामले की आगे की सुनवाई के लिए 11 जून की तारीख तय की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *