supreme court, सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, एजेंसी : दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई प्रशासनिक अधिकारों का बंटवारा संबंधी याचिका पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय बेंच गठित करने का फैसला लिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह बेंच दीपावली की छुट्टियों के बाद दिल्ली में अधिकारों का बंटवारा संबंधी याचिका पर सुनवाई करेगी।

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि याचिका पर तुरंत सुनवाई होनी चाहिए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दशहरा की छुट्टी के बाद बेंच का गठन किया जाएगा और याचिका को सूचीबद्ध किया जाएगा।

दो सदस्यीय पीठ ने की थी सिफारिश

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने तीन सदस्यीय बेंच के गठन की सिफारिश की थी। 14 फरवरी 2019 को जस्टिस एके सीकरी और अशोक भूषण ने  सीजेआई से सिफारिश की थी कि सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय बेंच गठित की जाए। यह दोनों जज अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

सुनाए थे अलग-अलग फैसले

पूर्व में सुनवाई करते हुए जस्टिस भूषण ने फैसला सुनाया था कि दिल्ली सरकार के पास किसी भी प्रशासनिक सेवा का अधिकार नहीं है। हालांकि, जस्टिस सीकरी ने कहा था कि संयुक्त निदेशक या इससे ऊपर के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकारी केवल केंद्र सरकार के पास हो सकता है। वहीं अन्य प्रशासनिक पदों पर मतभेद की स्थिति में लेफ्टिनेंट गवर्नर का निर्णय मान्य होगा।

पुलिस-भूमि छोड़ बाकी अधिकार मिलें दिल्ली सरकार को

दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि दो सदस्यीय बेंच ने अधिकारों के बंटवारे के मामले में दो अलग-अलग फैसले सुनाए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस, भूमि व सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन रहनी चाहिए। वहीं इसके अलावा अन्य अधिकार दिल्ली सरकार को मिलने चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में पूरा प्रशासनिक नियंत्रण केंद्र सरकार के हाथ में है। ऐसे में दिल्ली सरकार को अपनी नीति के संचालन में कई परेशानियों का सामना रकना पड़ रहा है।

 

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