नई दिल्ली, एजेंसी।  सुप्रीम कोर्ट शिरोमणि अकाली दल के नेता विक्रम सिंह मजीठिया द्वारा ड्रग्स के मामले में दायर अग्रिम जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमत हो गई है। शीर्ष अदालत ने पंजाब राज्य से अगले सोमवार तक मजीठिया के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने को कहा है।

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने प्रधान न्यायाधीश सीजेआई एनवी रमण की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष मजीठिया की याचिका का उल्लेख किया और उसे तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की। रोहतगी ने कहा, ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया गया है। यह सब चुनावी बुखार के कारण है।

इस पर सीजेआई रमण ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘यह चुनावी बुखार है या चुनावी वायरस? सभी अदालत में भाग रहे हैं।’ रोहतगी ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मजीठिया की अग्रिम जमानत की मांग वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन तीन दिन का संरक्षण प्रदान किया था। पुलिस को पता है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है लेकिन उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है।

इस पर जस्टिस रमण ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम से कहा, ‘क्या यह उचित है? जब आप जानते हैं कि उनकी याचिका सूचीबद्ध होने जा रही है?’ चिदंबरम ने बताया कि हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद वह छिप गए हैं और अब वह वकील के माध्यम से पेश हो रहे हैं।’

इस पर जस्टिस रमण ने चिदंबरम से कहा, ‘आप राज्य सरकार से फिलहाल कुछ भी न करने के लिए कहें। हम सोमवार को याचिका पर सुनवाई करेंगे।’

मजीठिया ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की एकल पीठ के 24 जनवरी के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एक एनडीपीएस मामले में उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।

 

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