जम्मू : भारतीय सेना ने सोमवार को कश्मीर घाटी में आतंकवाद और सीजफायर को लेकर जानकारी दी। जीओसी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग)-15 कोर, लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडेय ने बताया कि इस वर्ष समझौते के बाद से संघर्षविराम उल्लंघन की कोई घटना नहीं हुई है। साथ ही उन्होंने बताया कि घाटी में अभी करीब 70 विदेशी आतंकी मौजूद हैं। बता दें कि घाटी में आतंकियों के खिलाफ सेना लगातार ऑपरेशन चला रही है। इस साल अब तक मारे गए आतंकियों का आंकड़ा सौ पार कर चुका है। वहीं, मुठभेड़ के दौरान जो स्थानीय आतंकी हथियार छोड़कर कश्मीर में अमन बहाली का हिस्सा बनना चाहते हैं, सेना उन्हें सुधरने का मौका भी देती है।

शांति की राह में रोड़ा पैदा करने वालों से सख्ती से निपटने में नहीं हिचकेगी सरकार- उप-राज्यपाल

पुलिस की ओर से आयोजित रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी दो टूक कहा था कि शांति की राह में रोड़ा बनने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। सिन्हा ने कहा कि किसी को भी देश की एकता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सरकार देश विरोधी गतिविधियों में शामिल या शांति की राह में रोड़ा पैदा करने वालों से सख्ती से निपटने में नहीं हिचकेगी।

बदल गई है जम्मू-कश्मीर की स्थिति, पुलिस का काम सराहनीय

सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में अब स्थिति बदल गई है। एक समय था जब शांति स्थापित करने के प्रयास किए जाते थे, लेकिन मुझे लगता है अब वह समय समाप्त हो गया है। प्रशासन शांति स्थापित करने के एकमात्र उद्देश्य पर काम करता है। नागरिक प्रशासन के साथ-साथ पुलिस भी इस पर काम कर रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने देश की शांति और संप्रभुता की रक्षा के लिए काम किया है। विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद जम्मू-कश्मीर के अन्य सहयोगियों के साथ राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाया है। पुलिस संयम, साहस के साथ और मातृभूमि के प्रति प्रेम के साथ काम कर रही है।

 

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