नयी दिल्ली :  केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय को शुक्रवार को बताया कि उसने पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) की मसौदा अधिसूचना का संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करा लिया है।

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल, न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने इसके बाद निर्देश दिया कि हितधारकों द्वारा आपत्तियां दर्ज करने के लिए प्रारूप के अनुवादित संस्करणों के ऑनलाइन प्रकाशन की तारीख से 60 दिन का समय दिया जाए।

पीठ पर्यावरण मंत्रालय को आदेश के 10 दिन के भीतर सभी 22 भाषाओं में ईआईए अधिसूचना के मसौदे का अनुवाद करने और आधिकारिक वेबसाइटों को प्रकाशित करने के निर्देश के खिलाफ केंद्र की पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

अदालत ने पर्यावरण संरक्षणवादी विक्रांत तोंगट (याचिकाकर्ता) की एक जनहित याचिका पर 30 जून, 2020 को यह आदेश दिया था। इस याचिका में पर्यावरण प्रभाव आकलन सभी स्थानीय भाषाओं में अधिसूचना के प्रकाशन और इस पर सार्वजनिक टिप्पणी प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।

अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल चेतन शर्मा ने अदालत को बताया कि आदेश के अनुपालन में मसौदा अधिसूचना का अनुवाद किया गया है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को सूचित किया कि अनुवाद हो चुका है, लेकिन आपत्तियां दर्ज करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए दस्तावेजों को ऑनलाइन प्रकाशित किया जाना बाकी है।

अदालत ने यह गौर करते हुए कि अनुवाद का मुख्य कार्य पहले ही पूरा हो चुका है, कहा“प्रक्रियात्मक हिस्सा किसी अधिकारी के हाथ में है। इसे अपलोड किया जाएगा।”

हालांकि, इसने कहा, “हम भारत संघ और भारत संघ की एजेंसियों से उम्मीद करते हैं कि अदालत के आदेश का रश: पालन किया जाएगा।”

अदालत ने मसौदा नीति अपलोड करने के बाद उस पर आपत्ति दर्ज करने के लिए 60 दिन की अनुमति के अनुरोध वाली याचिकाकर्ता का अनुरोध स्वीकार कर लिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *