नई दिल्ली, एजेंसी : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि 33 दिन के बाद देश में फिर से एक दिन में 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आने शुरू हुए हैं। 26 दिसंबर के बाद से रोज 10 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। वहीं, ओमिक्रॉन वैरिएंट की स्थिति को लेकर अग्रवाल ने कहा कि देश में ओमिक्रॉन से संक्रमण के कुल 961 मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें से 320 मरीज ठीक हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया में 121 देशों में एक महीने में ओमिक्रोन के तीन लाख 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं और कुल 59 मरीजों की मौत हुई है। दक्षिण अफ्रीका में मामलों में बढ़ोतरी के बाद अब फिर से कमी दर्ज की जा रही है। बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में ही सामने आया था।
महाराष्ट्र और केरल में 10 हजार से ज्यादा सक्रिय मामले
अग्रवाल ने कहा, महाराष्ट्र और केरल में 10 हजार से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। कुल पॉजिटिविटी रेट 0.92 फीसदी है। महाराष्ट्र में नौ दिसंबर के सप्ताह में पॉजिटिविटी दर 0.76 फीसदी थी, एक महीने में यह करीब 2.59 फीसदी हो गई है। पश्चिम बंगाल में भी केस पॉजिटिविटी में बढ़ोतरी दर्ज की दई है। यह पहले 1.61 फीसदी थी जो अब लगभग 3.1 फीसदी है।पिछले सप्ताह देश में औसतन 8000 से ज्यादा मामले प्रतिदिन दर्ज किए गए।
आठ जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से भी ज्यादा
संयुक्त सचिव ने बताया कि आठ जिलों में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 फीसदी से अधिक दर्ज की गई है। इनमें से छह जिले मिजोरम के हैं, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता और एक जिला अरुणाचल प्रदेश का है। 14 जिलों में यह दर पांच से 10 फीसदी के बीच है। साप्ताहिक कोविड-19 मामलों और संक्रमण दर के आधार पर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात चिंता वाले राज्य व केंद्र शासित प्रदेश बनकर उभर रहे हैं
90 फीसदी पात्र आबादी को लगी टीके की पहली खुराक
वहीं, देश में टीकाकरण की स्थिति को लेकर अग्रवाल ने कहा कि भारत में लगभग 90 फीसदी वयस्क आबादी को कोविड रोधी टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकार सभी पात्र लोगों को एसएमएस भेज कर इस बात की याद दिलाएगी कि वह 10 जनवरी से शुरू की जा रही टीके की एहतियाती खुराक लगवा लें।
टीके बीमारी को रोकते हैं, संक्रमण को नहीं: डॉ. भार्गव
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि सभी कोविड टीके, फिर चाहे वह भारत, इस्राइल, अमेरिका, यूरोप, यूके या चीन के हों, मुख्य रूप से बीमारी को बदलने वाले हैं। वह संक्रमण को नहीं रोकते हैं। एहतियाती खुराक मुख्यत: संक्रमण की गंभीरता, भर्ती होने और मौत की आशंका को कम करने के लिए है। टीकाकरण से पहले और बाद में भी मास्क बहुत जरूरी है। भीड़ से बचना चाहिए। होम आइसोलेशन एक अहम स्तंभ है।
नौ महीने तक रहती है संक्रमित होने के बाद इम्युनिटी
वहीं, सरकार ने बताया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मिलने वाली इम्युनिटी करीब नौ महीने तक प्रभावी रहती है। सरकार ने डब्ल्यूएचओ के हवाले से बताया गया कि साक्ष्य बताते हैं कि कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के द्विगुणित होने का समय दो से तीन दिन है, जिस वजह से यह डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले अधिक तेजी से फैल रहा है।