चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गुरुवार को प्रदेश सरकार पर निशाना साधा। हुड्डा ने कहा कि जो प्रदेश 2014 में प्रति व्यक्ति आय और निवेश में नंबर एक था, आज वो सबमें नीचे खिसक रहा है। पूर्व सीएम ने कहा कि ये मैं नहीं, नीति आयोग की रिपोर्ट कह रही है।
हुड्डा ने कहा कि विधानसभा में कांग्रेस ने हर मुद्दा उठाया लेकिन तीन दिन का समय नाकाफी था। आज हरियाणा आर्थिक तौर पर पिछड़ गया है। महंगाई बढ़ गई है, अपराध और बेरोजगारी बढ़ गई है। सरकार ने एक भी वायदा पूरा नहीं किया। ये सरकार सर्वे और सर्विलांस दो ही काम करती है। नीति आयोग की रिपोर्ट में भी हरियाणा बिहार और झारखंड से पीछे है। सीएमआई की रिपोर्ट को सरकार मानती नहीं। उन्होंने कहा कि 2019 से पहले उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सीएमआई की रिपोर्ट पर ट्वीट करते थे, आज रिपोर्ट मानते तक नहीं। इस दौरान कांग्रेस नेता रघुबीर कादियान, गीता भुक्कल, बीबी बतरा, अशोक अरोड़ा और वरुण चौधरी मौजूद थे।
पूर्व सीएम ने कहा कि शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग सभी विभागों में बड़ी संख्या में नौकरी खाली हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में हमने सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन दाल में कुछ काला है इसलिए सरकार सीबीआई जांच नहीं करवा रही है। यह इंटर स्टेट मामला है, हरियाणा पुलिस कैसे जांच करेगी। अभी से जिला स्तर पर जांच करनी चाहिए, कितने लोगों ने पैसे दिए। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक किसान विरोधी है। यूपीए सरकार ने 2013 में भूमि अधिग्रहण कानून किसान हित में बनाया था। हरियाणा में किसान के अहित में बनाया गया है। पीपीपी प्रोजेक्ट के लिए छूट दे दी है। हरियाणा के पास बड़ा लैंड बैंक है उसे उपयोग करें। सरकार का एक भी फैसला गरीब और किसान के हक में नहीं है। जमीन अधिग्रहण पर कलेक्टर को पावर दे दी गई। इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए था, फिर चर्चा होती।
उन्होंने मांग की कि इस विधेयक को वापस लिया जाए। राज्यपाल से उनका निवेदन है कि इसे राष्ट्रपति के पास न भेजें। हुड्डा ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की पेंशन में कई सालों से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। पेट्रोल डीजल पर प्रदेश सरकार वेट कम करें। सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर के लिए कोई तैयारी नहीं की है। फ्रंटलाइन वर्कर को दोगुनी सैलरी देने को कहा था, वो भी मना कर दिया। इवेंट मैनेजमेंट से काम नहीं चलेगा। भाखड़ा मैनेजमेंट बोर्ड में पिछले 1 साल से हरियाणा का सदस्य नहीं है। इरीगेशन का सदस्य हरियाणा और पावर का सदस्य पंजाब का होता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को हक कैसे मिलेगा। आने वाले समय में चार पांच राज्यों में से किसी का भी मेंबर बन जाएगा। अगर ऐसा हुआ तो हरियाणा को उसका हक कैसे मिलेगा। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए