बेंगलुरु : कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले हिजाब विवाद मामले में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है। दरअसल, इस मामले में छह मुस्लिम छात्राओं की तरफ से एक नई याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि कुछ राज्यों में चुनाव हैं, इसलिए मामला राजनीतिक रंग ले रहा है और इसी वजह से छात्राओं को भी प्रताड़ित किया जा रहा है। याचिका में आगे कहा गया है कि कुछ पार्टियां इस मुद्दे को हवा देकर चुनाव में फायदा उठाना चाहती है। इन छात्राओं की तरफ से वरिष्ठ वकील तनवीर अहमद मीर भी दलील रखेंगे।

कर्नाटक में कुछ स्थानों पर परीक्षाओं का बहिष्कार

कर्नाटक में कुछ स्थानों पर लड़कियों ने प्री परीक्षाओं का बहिष्कार किया है तो कहीं अभिभावक ही विवाद के बीच बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। इनके सबके बीच कर्नाटक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है।

शिवमोग्गा शहर के कर्नाटक पब्लिक स्कूल में कई छात्राओं ने कक्षा 10वीं की प्रारंभिक परीक्षा का बहिष्कार किया है। स्कूल की एक छात्रा हिना कौसर ने बताया कि मुझे स्कूल में प्रवेश करने से पहले हिजाब हटाने के लिए कहा गया था। मैं ऐसा नहीं कर सकती, इसलिए मैंने परीक्षा में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। ऐसा ही कई और छात्राओं ने किया है।

उडुपी में अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना किया बंद

वहीं, उडुपी के पकिरनगर में कई अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया है। पकिरनगर के सरकारी उर्दू स्कूल की एक छात्रा की मां ने बताया कि स्कूल में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगने के बाद से ही मैं उसे स्कूल नहीं भेज रही हूं। वह कहती हैं कि अब तक, हमारे परिवार के कई लोग हिजाब पहनकर इसी स्कूल में पढ़ चुके हैं। तो फिर क्यों अचानक नियमों में बदलाव कर दिया गया है?

उधर, उडुपी जिले के ही कापू तालुक के सरकारी उर्दू स्कूल, पकिरनगर के मामले को लेकर अभिभावकों और शिक्षकों के बीच बैठक चल रही है। स्थानीय तहसीलदार ने बताया कि हिजाब वाली छात्रों को अलग कमरे में बैठने के लिए कोई नहीं व्यवस्था नहीं की गई है। अभिभावकों की ओर से अलग से बैठाकर पढ़ाने के लिए जोर दिया जा रहा था।

 

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