नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बेहद साफ लहजे में कहा कि एक या दो महीने के दौरान देश में सभी लोगों का टीकाकरण संभव नहीं है। हालांकि, एम्‍स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने यह भी कहा है कि करीब दो महीने में भारी मात्रा में वैक्‍सीन उपलब्‍ध हो जाएंगी। ऐसे में हमें 2, 3 या फिर 4 महीने बाद कम आयु वर्ग के लिए टीकाकरण की रणनीति पर काम करना चाहिए, जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा सके। डॉ. रणदीप गुलेरिया का यह भी कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने पर बुजुर्गों और कम रोग प्रतिरोधक झमता वाले मरीजों की जान जाने की ज्यादा संभावना होती है। ऐसे में हमें ऐसे लोगों का टीकाकरण करने की ओर ध्यान देना चाहिए।

वहीं, रणदीप गुलेरिया की मानें तो कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है और अभी भी इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि वैक्सीन बदलते वेरिएंट से लोगों की कितनी सुरक्षा कर सकती है, हालांकि इस पर लगातार शोध जारी है। वहीं, कोरोना का टीका लगवाने के बाद भी मास्क पहनना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना अति आवश्यक है। बता दें कि रणदीप गुलेरिया का यह बयान अमेरिका के ‘सेंट्रल फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन’ (CDC) के उस बयान के संदर्भ में आया है, जिसमें कहा गया है कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, उन्हें मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। अमेरिका भी टीका लगवाने वाले लोग मास्क उतार रहे हैं।

बता दें कि अमेरिका के CDC पहले ही कह चुके हैं कि जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज मिल चुकी है, उन्हें मास्क लगाने की जरूरत नहीं है। इसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में पत्रकारों के सामने बिना मास्क पहने पहुंचे थे। बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ टीका ही एकमात्र कारगर उपाय है, लेकिन टीका लेने के बाद भी मास्क लगाना और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना जरूरी है।

 

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