पटना : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद अरविंद बोबडे ने शनिवार को पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन किया। सीजेआई रिबन काटकर नए भवन का उद्घाटन करने के साथ ही पट्टिका का भी अनावरण किया। पटना हाईकोर्ट की पुरानी बिल्डिंग के बिल्कुल बगल में ही नए भवन का निर्माण कार्य किया गया है। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद समेत कई दिग्गज उपस्थित हुए। कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने दरभंगा महाराज केस फैसले का जिक्र किया, जिसके बाद संविधान का पहला संशोधन हुआ था।

सीजेआई बोबडे ने कहा- मुकदमे से पहले मध्यस्थता किसी जज के साथ कराने का इंतजाम होना चाहिए

पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन का उद्घाटन मौके पर सीजेआई अरविंद बोबडे ने सभी को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस दौरान कई मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुकदमे से पहले मध्यस्थता किसी जज के साथ कराने का इंतजाम किया जाना चाहिए। इससे कोर्ट पर निर्भरता पर असर पड़ेगा। न्यायालय में टेक्नोलॉजी के प्रयोग पर उन्होंने कहा कि पूर्णतया तकनीक पर निर्भर किया गया तो इससे कई खतरे होंगे।

कानून का राज कायम करना सिर्फ सरकार का काम नहीं, कोर्ट की भी जिम्मेदारी: नीतीश

पटना हाईकोर्ट के शताब्दी भवन के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे खुशी है कि जब इस भवन का शिलान्यास हुआ और अब उद्घाटन पर मुझे शामिल होने का मौका मिला। इसे पुराने भवन के अनुरूप बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का राज कायम करना सिर्फ सरकार का काम नहीं, कोर्ट की भी जिम्मेदारी है। ट्रायल का काम तेजी से चलता रहेगा तो हम समझते हैं अपराध पर नियंत्रण लगेगा। न्यायपालिका का काम सबसे अहम है। हम लोगों के पास जो भी प्रस्ताव आता है उसे हम स्वीकार करते हैं। न्यायपालिका के लिए जो भी जरूरत है, जो भी प्रस्ताव होगा उसे हम तत्काल स्वीकार करेंगे। सिर्फ सरकार की बात नहीं है, विधायिक कानून बना सकता है, लेकिन सबसे बड़ी भूमिका न्यायपालिका की है।

रविशंकर प्रसाद बोले- जो भी मैं बन पाया पटना हाईकोर्ट की बड़ी भूमिका

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैं जीवन में जो भी कुछ कर पाया हूं, जो भी बन पाया हूं उसमें पटना हाईकोर्ट की बहुत बड़ी भूमिका है। वर्षों यहां गुजारे हैं। उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल कर हैं। एजेंडा सेट करने के लिए लोग अपने हिसाब से जजमेंट चाहते हैं। मन-मुताबिक फैसला नहीं आने पर जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई जाती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। भारत स्वतंत्र राष्ट्र है, यहां बोलने की आजादी है, लेकिन नया ट्रेंड शुरू किया गया है। 31 जनवरी, 2021 तक देश में 73.8 लाख केस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुने गए। बिहार में 6 लाख से ज्यादा केस डिजिटल माध्यम से सुने गए। रविशंकर प्रसाद ने टेली लॉ के विषय में भी बात की।

शताब्दी भवन में जानिए क्या हैं खास बातें

पटना हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग से बुनियादी ढांचा बेहतर होगा। नए भवन में 43 कोर्ट रूम, 57 चैंबर्स हैं। दो लाइब्रेरी और अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। 4 फरवरी 2014 को भवन का शिलान्यास हुआ था, उस दिन बसंत पंचमी का दिन था। सीएम नीतीश कुमार ने इसकी आधारशिला रखी थी। दो साल में इसका निर्माण होना था, 116 करोड़ थी अनुमानित लागत। 203.94 करोड़ की लागत से शताब्दी भवन का निर्माण हुआ है।

पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी हुए शामिल

समारोह में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा, न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता शामिल हुए। पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और हाईकोर्ट के सभी जज उपस्थित हुए। कार्यक्रम में झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ. रवि रंजन, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा भी शामिल हुए।

 

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