नयी दिल्ली, एजेंसी : अगर आप नेट ब्राउजिंग में सिक्योरिटी और प्राइवेसी के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) यूज करते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। हो सकता है कि आप जिस VPN का इस्तेमाल कर रहे हों, उस पर किसी चाइनीज मालिकान का कंट्रोल हो और आपको कहीं लेने के देने न पड़ जाएं। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक चीन की सरकार जब चाहे VPN यूज करनेवालों की प्राइवेट ईमेल, मैसेंजर चैट और पर्सनल रिकॉर्ड में ताक झांक सकती है।
पड़ोसी मुल्क की पहुंच में दुनिया की 20% आबादी का डेटा
न्यूज और एनालिसिस वेबसाइट स्ट्राइक सोर्स ने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट टॉम जैक्सन के हवाले से कहा है कि दुनिया की लगभग 20% आबादी के प्राइवेट डेटा चीन सरकार की पहुंच में हो सकते हैं। इस समय दुनिया में 4.57 अरब लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनमें से लगभग 31% लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क यूज कर रहे हैं।
इनडायरेक्ट तरीके से चीनी कंट्रोल में हैं 62% VPN
वेबसाइट लिखती है, ‘दुनिया के 30 पॉपुलर VPN की पड़ताल में हमने पाया कि 878,354,000 कंज्यूमर्स के डिवाइस पर चल रहे 62% VPN इनडायरेक्ट तरीके से चीनी मालिकान के कंट्रोल में हैं।’ जैक्सन के मुताबिक, ‘VPN पर मौजूद डेटा में बहुत सी अहम जानकारी होती है। उसको क्वॉन्टम कंप्यूटर से कनेक्ट करके डिक्रिप्ट किया जा सकता है। ऐसे में उस डेटा के गलत हाथों में जाने का खतरा है।’
VPN डेटा का इस्तेमाल जासूसी में इस्तेमाल कर सकती है
जैक्सन के मुताबिक ‘अगर चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी को दुनिया भर के 20% VPN पर मौजूद डेटा का एक्सेस मिल जाए तो वह उस डेटा का इस्तेमाल ग्लोबल लेवल पर जासूसी में इस्तेमाल कर सकती है। इससे चीन कई जंग जीत सकता है, वैश्विक शक्ति संतुलन बदल सकता है और एक साम्राज्य के उभार में मददगार हो सकता है।’
भारत में 12.9 करोड़ यूजर्स कर रहे हैं VPN का इस्तेमाल
सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक भारत में इस समय 12.9 करोड़ यूजर्स इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए VPN का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से कितने लोगों की निजी जानकारी चीन सरकार के हाथों में जा रही है इसकी जानकारी उसे नहीं है। जहां तक अमेरिका की बात है तो वहां 2020 में 29% जबकि 2019 में 11% लोग पर्सनल यूज के लिए उसका इस्तेमाल कर रहे थे। जैक्सन का कहना है कि इस हिसाब से 3.9 करोड़ अमेरिकियों की निजी जानकारी का एक्सेस चीन को होगा।
कई VPN कंपनियों के डेटा बेस पर हैकर्स का अटैक हुआ
गौरतलब है कि इस साल कई VPN कंपनियों के डेटा बेस पर हैकर्स का अटैक हुआ है और उनके पास मौजूदा जानकारी लीक हुई है। इनके पास से लीक हुए लॉग डेटा का साइज एक टेराबाइट से ज्यादा है।