नई दिल्ली, एजेंसी : भारत सरकार ने वॉट्सऐप को प्राइवेसी पॉलिसी में किये गये हालिया बदलाव वापस लेने के लिये कहा है। सरकार ने कहा कि एकतरफा बदलाव अनुचित और अस्वीकार्य हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने वॉट्सऐप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विल कैथकार्ट को कठोर शब्दों में लिखे एक पत्र में कहा कि भारत में वॉट्सऐप के सबसे अधिक उपयोक्ता (यूजर) हैं और भारत वॉट्सऐप के लिये सबसे बड़ा बाजार है। पत्र में कहा गया, वॉट्सऐप की सेवा शर्तों एवं प्राइवेसी पॉलिसी में प्रस्तावित बदलावों में इसके उपयोगकर्ताओं को इससे बाहर रहने का विकल्प नहीं दिया गया है। यह भारतीय नागरिकों की स्वायत्तता और उनकी पसंद के संबंध में गंभीर चिंताएं पैदा करता है।

प्रस्तावित बदलाव पर फिर से विचार करे वॉट्सऐप

मंत्रालय ने वॉट्सऐप को प्रस्तावित बदलावों को वापस लेने तथा सूचना की गोपनीयता, पसंद की स्वतंत्रता व डेटा सिक्योरिटी पर रवैये पर पुन: विचार करने को कहा। संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 15वें भारत डिजिटल शिखर सम्मेलन में कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ संपर्क के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया जाएगा। डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दे पर हाल में भारत सहित दुनिया भर में वॉट्सऐप की भारी आलोचना हुई है। हालांकि, वॉट्सऐप ने कहा है कि उसके प्लेटफॉर्म पर भेजे गए संदेश पूरी तरह सीक्रेट हैं और वॉट्सऐप या फेसबुक उसके प्लेटफॉर्म से भेजे गए प्राइवेट मैसेजेस को नहीं देख सकते हैं।

भारत में बिजनस के लिए फ्री हैं डिजिटल प्लेटफॉर्म्स

प्रसाद ने कहा, ”इस मुद्दे पर मेरा विभाग काम कर रहा है, और निर्णायक प्राधिकारी होने के नाते मेरे लिए इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा। लेकिन, एक बात को बहुत स्पष्ट रूप से कहना चाहूंगा। चाहें वॉट्सऐप हो, फेसबुक हो, या कोई भी डिजिटल प्लेटफॉर्म… आप भारत में बिजनस करने के लिए फ्री हैं, लेकिन यहां काम कर रहे भारतीयों के अधिकारों का अतिक्रमण किए बिना ऐसा कीजिए।” उन्होंने कहा कि पर्सनल कम्युनिकेशन की शुचिता को बनाए रखने की जरूरत है।

डेटा की उचित सुरक्षा निश्चत करें कंपनियां

भारत में अपने उत्पादों को पेश करने के लिए चीनी कंपनियों की भागीदारी के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि सामान्य नीतिगत पहल का जिक्र करने के अलावा किसी भी देश का नाम लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। किसी भी कंपनियों को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से भी विचार किया जाएगा, चाहें वह निजी हो या सरकारी।” उन्होंने कहा कि डेटा को सहमति से प्राप्त करना चाहिए, इसका इस्तेमाल उसी काम के लिए करना चाहिए, जिसके लिए इसे जमा किया गया है, और डेटा की उचित सुरक्षा तथा शुचिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।

भारत में डेटा रिफाइनरी बनने की बड़ी संभावना

उन्होंने कहा कि भारत में 1.3 अरब लोगों की आबादी के साथ अरबों का डेटा है और हम अपनी डिजिटल संप्रभुता पर कभी समझौता नहीं करेंगे। प्रसाद ने कहा, ”मैं चाहता हूं कि भविष्य में भारत डेटा अर्थव्यवस्था का एक बड़ा केंद्र बन जाए। जब मैं डेटा अर्थव्यवस्था के बारे में बात करता हूं, तो मेरा मतलब डेटा के प्रसंस्करण और डेटा नवाचार से है। भारत में डेटा रिफाइनरी बनने की बहुत बड़ी संभावना है… इसलिए, डाटा अर्थव्यवस्था के संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करके भारत को समृद्ध बनाना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, ”दुनिया हमारे डेटा कानून की प्रतीक्षा में है, जिसे हम बहुत जल्द लाने जा रहे हैं।”

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