लखनऊ, एजेंसी । राजधानी लखनऊ में आतंकियों पर पुलिस की कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुंह से निकली बात कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है, का सियासी बतंगड़ बन गया। मुद्दा गर्माना शुरू ही हुआ था कि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी कार्रवाई को चुनाव से जोड़कर संदेह जता दिया। फिर क्या, आतंकियों पर कार्रवाई से विपक्ष पर बेचैनी का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी ने ‘पालिटिकल स्ट्राइक’ कर डाली। सपा सरकार में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लेने के प्रयास से लेकर बाटला हाउस कांड पर कांग्रेस के रुख को कड़ियों में पिरो दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आतंकवादियों के समर्थन को विपक्ष का अधिकारिक एजेंडा तक कह दिया है।
राजधानी में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के षडयंत्र में लगे दो आतंकियों की गिरफ्तारी पर विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विपक्षी दलों पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है कि भाजपा के लिए देश और लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। सुरक्षा के मामले पर राजनीति करना ऐसे दलों का चरित्र है।
कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा के भारतीय माड्यूल के दो आतंकी रविवार को लखनऊ से पकड़े गए। अपने प्रदेश कार्यालय में पत्रकारवार्ता कर भाजपा पर बरस रहे सपा मुखिया अखिलेश से जब आतंकियों पर एटीएस की कार्रवाई पर सवाल पूछा तो उन्होंने कह दिया कि पुलिस और भाजपा पर उन्हें भरोसा नहीं है। इस बात को भाजपा ने पकड़ लिया। वह सपा पर हमले की तैयारी कर ही रही थी कि बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार दोपहर बयान जारी कर पूरे विपक्ष के लिए कठघरा बनाने का मौका भाजपा को दे दिया।
बसपा चीफ मायावती ने ट्वीट किया- ‘यूपी पुलिस का लखनऊ में आतंकी साजिश का भंडाफोड़ करने व इस मामले में गिरफ्तार दो लोगों के तार अलकायदा से जुड़े होने का दावा अगर सही है तो यह गंभीर मामला है और उचित कार्रवाई होनी चाहिए, वरना इसकी आड़ में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, जिसकी आशंका व्यक्त की जा रही है। उन्होंने लिखा कि यूपी विधानसभा आम चुनाव के करीब आने पर ही इस प्रकार की कार्रवाई लोगों के मन में संदेह पैदा करती है। अगर इस कार्रवाई के पीछे सच्चाई है तो पुलिस इतने दिनों तक क्यों बेखबर रही? यह वह सवाल है, जो लोग पूछ रहे हैं। अत: सरकार ऐसी कोई कार्रवाई न करे, जिससे जनता में बेचैनी और बढ़े।
इसके बाद तो भाजपा खुलकर मैदान में आ गई। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आतंकवादियों का समर्थन, पोषण और संरक्षण सपा सहित विपक्ष के कई दलों का अधिकारिक एजेंडा है। पुलिस अपनी जान पर खेलकर आतंकवादियों को पकड़ रही है? और दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषय पर सपा मुखिया कह रहे हैं कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है। अखिलेश बताएं कि उन्हें पुलिस और सेना पर भरोसा क्यों नहीं है? किस पर भरोसा दिखाते हुए उन्होंने अपनी सरकार में आतंकवादियों का मुकदमा वापस लेने की कोशिश की थी?
प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आरोप लगाया कि सपा सहित विपक्ष का भरोसा देश को तोड़ने की कोशिश करने वालों, दंगाइयों व अराजकों पर ज्यादा है। यही कारण है कि कांग्रेस के राज में जेल में आतंकवादी को बिरयानी खिलाई जा रही थी और सपा सरकार में दंगाइयों को हेलीकॉप्टर में बैठाकर सीएम कार्यालय लाकर उनका स्वागत किया जा रहा था।