प्रयागराज, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की जो सनक है वह लोकतंत्र को बदनाम करने की साजिश है। पिछले दिनों सदन में प्रधानमंत्री का विरोध करते हुए विपक्ष के सदस्य जिस तरह से मार्शल से भिड़ गए, तोडफ़ोड़ और हिंसा की वह लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाने वाला कदम है। इससे समूचा लोकतंत्र शर्मसार हुआ है। यह कहना है कि केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का।
बमरौली हवाई अड्डे से पैतृक गांव भदारी रवाना हुए नकवी
केंद्रीय मंत्री शुक्रवार को प्रयागराज के बमरौली हवाई अड्डे पर पहुंचे तो प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उनका स्वागत किया। वह हर साल मोहर्रम के समय अपने पैत्रिक गांव जाते हैं। इस बार भी इसी उद्देश्य से संगम नगरी आए हैं। एयपोर्ट पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा, तोडफ़ोड़ करने वाले लोग सड़क पर किसी क्रांतिकारी की तरह उतरे। जो गुनाहगार हैं, जिनके पास पाप की पोटली है वह सभी सड़क पर उतर कर यह प्रदर्शित कर रहे थे, जैसे बहुत बड़ा कार्य किया हो।
नकवी बोले- राहुल गांधी को भूलने की बीमारी है
नकवी ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वास्तव में यह घटना बिना जमीन की जमीदारी और विपक्ष की चौधराहट है। इसकी होड़ लगी हुई है। यही वजह है कि हम लोगों ने कहा है कि जो हरकत हुई है, इसके लिए दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो। यदि इसे लेकर कोई प्राविधान नहीं है तो उस पर प्राविधान बनाए जाएं जिससे कोई और इस तरह की हरकत करके लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ न कर सके। विपक्ष का नेतृत्व कर रहे राहुल गांधी के प्रश्न पर अल्पसंख्य मंत्री ने बीच में ही टोकते हुए कहा कि राहुल गांधी सुबह क्या सोचते हैं, शाम को भूल जाते हैं। उन्हें भूलने की बीमारी है। दिक्कत उनसे नहीं उन लोगों के आचरण से है जो वर्षों सदन में रहे और वह मर्यादा को जानते हैं। वह भी इस सामंती सियासत के शिकंजे में फंसते जा रहे हैं।
कहा- हम न तब ट्विटर के साथ थे न अब
राहुल गांधी का ट्विटर एकाउंट ब्लाक होने के प्रश्न पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब इसके पहले केंद्रीय मंत्रियों व अन्य भाजपा के लोगों के एकाउंट ब्लाक होते थे तो यही राहुल गांधी ट्विटर के प्रवक्ता के रूप में खड़े हो जाते थे। पूरा कांग्रेसी कुनबा सामने आ जाता था अब क्या हुआ। फिलहाल हम न तब ट्विटर के साथ थे न अब।