गोरखपुर। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ ने गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान करके सियासी गलियारे में नई चर्चा छेड़ दी है। हालांकि, बसपा समेत सभी पार्टियां चंद्रेशखर की उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं ले रहीं।
भीम आर्मी का वोट बैंक भी अनुसूचित जाति-जनजाति समाज ही है, लेकिन बसपा के नेताओं का दावा है कि उनके कैडर वोट पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। भाजपा नेता एक कदम आगे बढ़कर कहते हैं, राम भक्त योगी के सामने ‘रावण’ की जमानत तो जब्त ही होनी है।
बसपा के पूर्व मुख्य सेक्टर प्रभारी जावेद सिमनानी कहते हैं, हम लोग भीम आर्मी को संज्ञान में ही नहीं ले रहे हैं। उनका कोई जनाधार नहीं है। बसपा का कैडर वोट व्यवस्थित है। बूथ और सेक्टर स्तर पर हमने तैयारी कर रखी है। शहर विधानसभा में भाजपा की लड़ाई बसपा से ही होगी।
दो से तीन दिनों में एक मजबूत प्रत्याशी को पार्टी चुनाव में उतारेगी। वहीं, पार्टी के महानगर अध्यक्ष आलोक मोदी का दावा है कि चुनाव में भीम आर्मी हवा-हवाई ही साबित होगी। हमारी तैयारी काफी पहले से है। पार्टी कैडर के लोगों को ही प्रत्याशी बना रही है।
अगस्त में ही गोरखपुर आने की बात कह गए थे चंद्रशेखर
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावण की गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा अनायास नहीं है। संगठन ने इसकी तैयारी बीते अगस्त महीने में ही शुरू कर दी थी। बीते सात अगस्त में गोरखपुर आए, चंद्रशेखर ने पादरी बाजार में कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे जल्दी ही यहां लौटेंगे।
पूर्वांचल के गोरखपुर-बस्ती मंडल में भीम आर्मी का संगठन अभी बहुत सक्रिय नहीं है, लेकिन इस संगठन के कर्ताधर्ता चंद्रशेखर आजाद को जानने वालों की संख्या ठीक-ठाक है। बीते अगस्त में पादरी बाजार क्षेत्र की रहने वाली और गोरखपुर विश्वविद्यालय की एक छात्रा की आत्महत्या का मामला गर्माया था। उस दौरान चंद्रशेखर आजाद छात्रा के परिजनों से मिलने अचानक गोरखपुर आ गए। साथ ही कहा था कि वे गोरखपुर में पहली बार जरूर आए हैं, लेकिन उनका यह अंतिम दौरा नहीं है।
भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष शशिभूषण शाका बताते हैं कि संगठन ने तभी से तैयारी शुरू कर दी। शहर के सभी मोहल्लों में अपना नेटवर्क बढ़ाने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भी कार्यकर्ता बनाए गए हैं। संगठन विधानसभा चुनाव को लेकर काफी उत्साहित है। संस्थापक अध्यक्ष के गोरखपुर से चुनाव लड़ने की आधिकारिक घोषणा के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं ने और जोर-शोर से तैयारी प्रारंभ कर दी है।
सोशल मीडिया से जुड़ा संगठन भी सक्रिय कर दिया गया है। संगठन के जिला सचिव विक्की राखी मंडल, अध्यक्ष अविनाश निगम, संजय राणा रविंद्र सिंह गौतम का कहना है कि भीम आर्मी गोरखपुर में काफी मजबूत स्थिति में है और संगठन यहां के चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए सभी जरूरी उपाय कर रहा है।
पूर्वांचल में पैर जमाने की कोशिश
राजनीति के जानकार इसे पूर्वांचल में पैर जमाने की कोशिश मान रहे हैं। रिटायर सैन्य अधिकारी कर्नल ओपी सिंह कहते हैं कि यह संगठन को मजबूत करने का फार्मूला है। बड़े पहलवान से लड़ेंगे तो चर्चा भी अधिक होगी। योगी के खिलाफ चुनाव में खड़े होकर चंद्रशेखर अपने कद में इजाफा करना चाहते हैं।
रामभक्त योगी के आगे ‘रावण’ की क्या बिसात, होगी जमानत जब्त : भाजपा
चंद्रशेखर के गोरखपुर से चुनाव लड़ने के एलान से भाजपा नेता भी बेपरवाह हैं। जिला मीडिया प्रभारी केएम मझवार का कहना है कि गोरखपुर में विकास की गंगा बह रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनता एतिहासिक अंतर से चुनाव में विजयी बनाने का मन बना चुकी है। जो भी लड़ने आएगा, उसकी जमानत जब्त होगी। रामभक्त के सामने ‘रावण’ की क्या बिसात, जमानत जब्त होगी। चंद्रशेखर का गोरखपुर में कोई वजूद नहीं है। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर लोकसभा क्षेत्र से पांच बार सांसद रह चुके हैं। गोरखपुरवासियों के हर सुख-दुख में खड़े रहते हैं। उनकी अगुवाई में दोबारा भाजपा सरकार बनेगी।

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