BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ

धर्मेद्र यादव बनाम सांसद संघ मित्रा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बदायूं की भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य के चुनाव की वैधता के खिलाफ सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव की याचिका की ग्राह्यता पर सांसद की आपत्ति निरस्त कर दी है । कोर्ट ने इस चुनाव याचिका पर वादविन्दु तयकरने के लिए 6 मई को सुनवाई हेतु पेश करने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने दिया है। सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव का कहना है कि लोकसभा चुनाव में 24 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किया था। जिसमें से केवल 9 ही स्वीकृत किए गए ।16 नामांकन पत्र मनमाने तौर पर अस्वीकृत कर दिए गए। 25 मार्च 2019 को चुनाव परिणाम घोषित हुआ

याची का यह भी कहना है कि 8000 वोटों की अधिक गिनती की गयी है जो चुनाव को प्रभावित कर सकती है। विपक्षी सांसद संघमित्रा मौर्य की शादी नवल किशोर मौर्या के साथ हुई है। उनके एक पुत्र भी है । चुनाव घोषणा पत्र में इस तथ्य की जानकारी छिपाई गई है जो सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों एवं चुनाव नियमों का उल्लंघन है । इस आधार पर इनका चुनाव निरस्त किया जाए ।

याचिका में यह भी कहा गया है कि एक प्रत्याशी दिनेश कुमार का नामांकन गलत तरीके से अस्वीकृत किया गया है । दिनेश कुमार ने भी चुनाव याचिका दाखिल की है। जिस पर कोर्ट ने सांसद की आपत्ति को निरस्त करते हुए सुनवाई किए जाने का आदेश दिया है। दोनों याचिकाओं की सुनवाई 6 मई को होगी । कोर्ट ने कहा याचिका पोषणीय है। याची वादविन्दु पर अपना पक्ष व साक्ष्य पेश करें। 6 मई को वादविन्दु तय किया जाएगा,

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