लखनऊ, एजेंसी। केंद्र सरकार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश सरकार भी कार्य प्रणाली पर आ गई है। उत्तर प्रदेश में अब ई-कैबिनेट बैठक के साथ ही विधानमंडल की कार्यवाही भी पेपरलेस होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की कार्यशाला के बाद यह नई व्यवस्था लागू की है।

प्रदेश में अब ई-कैबिनेट व्यवस्था लागू होने के बाद मंत्री फाइलों का गट्ठर लेकर नहीं आएंगे। अब से सभी कार्यवाही टैबलेट पर होगी। उत्तर प्रदेश में अब कैबिनेट बैठक से विधानमंडल कार्यवाही तक सब कुछ पेपरलेस होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी के मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस के मंत्र को आत्मसात कर लिया है। केंद्र सरकार की तर्ज पर अब 19 फरवरी को उत्तर प्रदेश का बजट भी पेपरलेस होने के आसार हैं। प्रदेश के सभी विधायक तथा विधान परिषद सदस्य टैबलेट से लैस होंगे।

प्रदेश में अब विधानसभा और विधानपरिषद में सवाल पूछना हो या फिर कैबिनेट बैठकों की सूचना हो, कैबिनेट नोट को अप्रूव करना हो अथवा चर्चा के बाद निर्णय, सब कुछ टैबलेट पर ही ऑनलाइन होगा। इसकी शुरुआत कैबिनेट बैठक से होने जा रही है। प्रदेश में अब केवल ई-कैबिनेट बैठकें ही होंगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र सरकार की तर्ज पर प्रदेश का बजट भी पेपरलेस करने की तैयारी कर ली है।

लखनऊ में ई-कैबिनेट प्रशिक्षण के लिए मंगलवार को कार्यशाला में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस’ के मंत्र को उत्तर प्रदेश ने आत्मसात किया है। हम सभी ने कोविड काल में तकनीक के प्रयोग से होने वाले लाभ को गंभीरता से महसूस किया है। एक समय था कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने जनधन बैंक खातों की शुरुआत की थी, तब लोग उन पर हंसते थे, लेकिन आज कोरोना काल मे यही जनधन खाते वरदान सिद्ध हुए हैं। अब एक क्लिक पर डीबीटी के माध्यम से सहयोग राशि सीधे लाभार्थी को मिल रही है। इससे पारदर्शीता आई है। भ्रष्टाचार समाप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान मंडल सत्र से पहले सभी सदस्यों को टैबलेट उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद की आगामी बैठक को ई-कैबिनेट के माध्यम से सम्पन्न कराने के लिए सदस्यों को गहन प्रशिक्षण दिया जाए। मंत्रीगण को ई-कैबिनेट के सिक्योरिटी फीचर्स के संबंध में जानकारी देकर अभ्यास कराया जाए।

इसके प्रभावी प्रयोग के लिए विधायकगणों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। केंद्रीय बजट की तरह राज्य के बजट को पेपरलेस करने के प्रयास हों।  आधुनिक तकनीक विभिन्न कार्यों के शीघ्र एवं पारदर्शी सम्पादन में अत्यंत सहायक साबित होगी। मंत्रिपरिषद एवं विधान मंडल सदस्यों के व्यापक रूप से तकनीक से जुडऩे से नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बनता हुआ दिखाई देगा।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब तक 217 से अधिक सेवाओं को ऑनलाईन कर दिया है। अब इसे आगे बढ़ाते हुए कैबिनेट की बैठकों को पूरी तरह पेपरलेस करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंत्रिपरिषद की अगली बैठक ई-कैबिनेट के रूप में होगी। इस संबंध में मंत्रियों का व्यवस्थित प्रशिक्षण प्रारंभ हो गया है। यह कार्य अगले दो से तीन दिन में पूरा कर लिया जाए। इसके बाद अब मंत्रियों के निजी स्टाफ की भी ट्रेनिंग होगी। यह प्रशिक्षण कार्यशाला मुख्यमंत्री कार्यालय की निगरानी में होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रियों के प्रशिक्षण के बाद ही अगले चरण में संसदीय कार्य मंत्री विधानमंडल के दोनों सदनों से समन्वय स्थापित कर सभी विधायकों को प्रशिक्षित कराया जाएगा। इस दौरान उन्होंने सभी विधायकों को यथाशीघ्र टेबलेट की सुविधा मुहैया कराने के भी निर्देश दिए।

ई-कैबिनेट पोर्टल पर काम: मुख्यमंत्री कार्यालय, गोपन विभाग व एनआईसी के परस्पर समन्वय से ई-कैबिनेट के लिए खास कैबिनेट पोर्टल तैयार किया गया है। इस पोर्टल को एक्सेस करने के लिए मंत्रियों और अधिकारियों के पास आईडी-पासवर्ड दिए जाएंगे। पोर्टल पर ही मंत्रियों को कैबिनेट बैठक की सूचना प्राप्त होगी। वहीं पर कैबिनेट नोट और संबंधित विवरण भी उपलब्ध होंगे। बैठकों में टैबलेट पर इस पोर्टल को एक्सेस करना होगा। इसके साथ ही आवश्यकतानुसार कोई प्रपत्र डाउनलोड अथवा प्रिंट भी किया जा सकेगा। यही नहीं, पोर्टल पर पिछली बैठकों का विवरण और क्रियान्वयन सम्बन्धी अद्यतन रिपोर्ट भी उपलब्ध होगी।

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