लखनऊ । उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले अब घट रहे हैं। पिछले 24 घंटे में कोरोना के 8901 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि 16,786 मरीज ठीक हुए हैं। इस दौरान एक लाख 93 हजार 419 कोरोना टेस्ट किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को उच्च अधिकारियों के साथ कोविड प्रबंधन की समीक्षा बैठक में कहा कि हमारी ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति आशातीत सफलता देने वाली रही है। प्रदेश में तीसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना है। एक ओर जहां नए केस मिलने की संख्या दिनों-दिन कम हो रही है, वहीं स्वस्थ होने वालों की संख्या उत्साहवर्धक है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में कोरोना के कुल एक्टिव केस की 72 हजार 393 हैं। इनमें से 98 प्रतिशत से अधिक लोग मामूली लक्षणों के साथ घर पर ही स्वास्थ्यलाभ ले रहे हैं। एक्टिव केस और पॉजिटिविटी दर में लगातार गिरावट आ रही है। यह अच्छे संकेत हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों को कोविड प्रोटोकाल के पालन हेतु जागरूक किया जाए। सतर्कता-सावधानी बहुत जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार यह संक्रमण सामान्य फ्लू की तरह है। इससे डरने की नहीं, सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकारियों ने बताया कि लोगों को कोविड टीकाकवर उपलब्ध कराने का अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। 25 करोड़ 34 लाख से अधिक कोविड टीकाकरण के साथ ही अब तक 98.58 प्रतिशत से ज्यादा वयस्क आबादी को टीके की पहली डोज लग चुकी है, जबकि 66.87 प्रतिशत लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है। 31 जनवरी तक 100 प्रतिशत लोगों को टीके की पहली डोज और 75 प्रतिशत पात्र नागरिकों को दूसरी डोज लगाने का हमारा लक्ष्य है। सीएम योगी ने निर्देश दिया कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदान से पहले हर प्रदेशवासी को टीके का सुरक्षा कवर जरूर मिल जाए।

प्रदेश में 15-17 आयु वर्ग के एक करोड़ 40 लाख 40 हजार किशोरों में से 85 लाख 21 हजार से अधिक यानी 61 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है। इसी प्रकार 31 जनवरी तक के लक्ष्य के अनुसार पात्र 73 प्रतिशत लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। कोरोना की रोकथाम के उद्देश्य से जारी विशेष सर्विलांस अभियान के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। निगरानी समितियां, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की टीम घर पर जाए तो सभी सदस्यों के स्वास्थ्य का हाल-चाल लें। कोई भी निःशुल्क मेडिकल किट से वंचित न रहे। दिव्यांग, निराश्रित और वृद्धजनों को घर बैठे चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जाए। टीकाकरण से वंचित लोगों को चिन्हित कर तत्काल उन्हें टीकाकवर दिया जाए।

 

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