BUDAUN SHIKHAR
अलीगढ
रिपोर्ट रामा नन्द तिवारी अलीगढ़…

आए दिन इस दुनिया में कुछ ऐसी हैरतअंगेज घटनाएं घटित हुआ करती हैं जिसके बारे में सुनकर लोगों का उसके ऊपर विश्वास कर पाना असंभव सा लगता है। पर जब लोग उस घटना को अपनी आंखों से देखते हैं तो फिर उन्हें नकार भी नहीं पाते। आज इन दिनों एक ऐसी ही हैरतअंगेज घटना से जुडी खबर सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा वायरल हो रही है। वायरल हो रही इस खबर के मुताबिक ऐसा दावा किया जा रहा है कि मौत के बाद एक इंसान फिर से जीवित होकर लोगों के बीच आ गया। इस तरह की घटना को अब तक आपने फिल्मों में ही देखा होगा परंतु आज हम आपको असल जिंदगी से जुड़ी इस घटना के बारे में बताने वाले वाले हैं। तो चलिए बताते हैं आपको इस घटना के बारे में विस्तार से

खबरों के मुताबिक यह घटना अलीगढ़ के अतरौली के अंतर्गत आनेवाले किरथल गांव का बताया जा रहा है ऐसा कहा जा रहा है कि इस गांव में रहने वाले रामकिशोर को किसी प्रकार की गंभीर बीमारी होने की वजह से उसका निधन कुछ दिनों पहले ही हो गया था। उनके निधन हो जाने के बाद उनके परिवार के सदस्य काफी ज्यादा घबरा गए। उनके परिवार में मौजूद हर एक शख्स उनके निधन के शोक में डूबा हुआ था। चारों ओर घर में विलाप करने की आवाज सुनाई दे रही थी। मृत्यु की खबर मिलने के बाद उनके परिवार और रिश्तेदार के सदस्य उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उनके घर पहुंच गए। सभी सदस्यों के घर पहुँच जाने के बाद जब उनके अंतिम संस्कार की तैयारी की जाने लगी उसी वक्त हुआ कुछ ऐसा जिसे देख हर कोई वहाँ से भाग खड़ा हुआ
परिवार वालों के मुताबिक़ ऐसा बताया गया कि जब परिवार के सभी सदस्यों उनका अंतिम संस्कार करने के पहले उनकी शव को नहलाने के बाद अर्थी पर रखा तो उसी वक्त उनके शरीर में अचानक से हलचल होने लगी। अचानक से हुई उनके शरीर में हलचल को देखकर हर कोई हैरान रह गया। किसी को उस वक़्त कुछ समझ नही आ रहा था कि आखिर उस वक़्त हो क्या रहा है। उनके अचानक से जिन्दा हो जाने और उसके बाद उठ कर लोगो के सामने बैठ जाने के बाद वहाँ मौजूद हर एक व्यक्ति भयभीत हो गया। उठते के साथ ही उन्होंने लोगो से कहा की शायद यमदूत से गलती हो गयी थी जिसकी वजह से वह किसी और के प्राण लेने की वजाय उनके ही प्राण लेने चला आया था।

मौत के बाद एक बार फिर से जिंदा होकर धरती पर वापस आने वाले रामकिशोर ने लोगो को बताया कि उन्हें पिछले 5 घंटे में हुई घटनाओं के बारे में तो उतना कुछ याद नही है पर जहाँ मुझे लेकर जाया गया था वहां एक बैठक चल रही थी। वहाँ उस बैठक में एक महात्मा मौजूद थे जो की बारी बारी से हर एक व्यक्ति से बातचीत कर रहे थे। जब रामकिशोर की बारी आई तो उस महात्मा ने कहा कि इन्हें अभी ही क्यों ले आये हो अभी तो इनकी जिंदगी जीने का समय बाकी है। इसके साथ ही साथ उस महात्मा ने मुझे कई सारे सवाल भी किये। उसके बाद अचानक से धक्का दे दिया गया और जब उन्होंने अपनी आँखे खोली तो पाया कि उनके परिवार के सदस्य उनके आसपास बैठकर उनके मौत को लेकर विलाप करने में लगे है।

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