जिला संवाददाता विजय कुमार वर्मा

बदायूँ : नगर के सर्राफा एसोसिएशन सोमवार को होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में लोगों ने होली मिलन कार्यक्रम में भाग लिया। सर्राफा कमेटी के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश वैश्य ने मां शारदे एवं गणेश –लक्ष्मी जी के समक्ष दीप प्रज्वलन किया एवं समस्त कवियों का अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं माला पहनाकर स्वागत किया।

बदायूँ सर्राफा एसोसिएशन के तत्वावधान में दिनांक 13 मार्च 2023 को होली मिलन समारोह के उपलक्ष में भव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें बाहर से आए हुए कवियों एवं नगर के प्रतिष्ठित कवियों ने काव्य पाठ किया। आयोजन के प्रारंभ में सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष सूर्य प्रकाश वैश्य ने मां शारदे एवं गणेश –लक्ष्मी जी के समक्ष दीप प्रज्वलन किया एवं समस्त कवियों का अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन बदायूं क्लब के सचिव डॉ अक्षत अशेष ने किया।

मां शारदे की वंदना युवा कवि अभिषेक अनंत द्वारा की गई।अभिषेक अनंत ने अपने काव्य पाठ में कहा–

एक बार की छुअन से तुमने तन पागल कर डाला है ।

बार-बार यादों में आकर मन पागल कर डाला है।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अक्षत अशेष ने अपने काव्य पाठ में कहा – सब जो संग हो तो कमाल हो जाये

बजे जो चंग तो निहाल हो जाये

मन से मन का मिलन जो करता है

रंगों वो रंग तो मिसाल हो जाये।

नवोदित कवि अचिन मासूम ने अपने काव्य पाठ में कहा– मिले उल्लास का और हर्ष का आधार होली में,

न कोई भी रहे गम से कभी दो चार होली में,

ज़मीं से आसमां तक सप्तरंगी हो रही दुनियां,

रंगो से कर रही धरती नवल श्रृंगार होली में।।

प्रसिद्ध गजलकार –गीतकार कुमार आशीष ने पढ़ा– हाल दिल का किसे सुनाऊं मैं?

कैसे होली ये अब मनाऊं मैं?

कब से हाथों में रंग है मेरे,

तेरा चेहरा कहां से लाऊं मैं?

बरेली से पधारे प्रसिद्ध से हास्य व्यंग कवि आनंद गौतम जी ने कहा आजकल मुझे नहीं मतलब

देसी, अंग्रेजी अथवा ठंडी बीयर से

लेकिन जब सैनिटाइजर और अल्कोहल से

कोरोनावायरस मर जाता है

तब संक्रमित रोगों का वायरस भी

पीने से मर जाना चाहिए।

आगरा से पधारे कवि लटूरी लट्ठ ने सभी को ठहाके मारने पर मजबूर कर दिया उन्होंने हास्य कविता के दौरान कहा –।प्रेम संदेशा हाथ ले ,आंगन खड़ा बसंत।

शकुंतला हैं बाग में, ठेके पर दुष्यंत।

उन्होंने आगे कहा– मूंछ पे ताव लगाते फिरते, छप्पर पे नहीं फूंस रहे हैं। कपड़े नए सिला नहीं पाए, वही पुराने ठूंस रहे हैं। अर्थ व्यवस्था की हालत ,आज यहां तक आ पहुंची है। जिन गन्नों में जूस नहीं है , उन गन्नों को चूस रहे हैं।

आयोजन में सर्फारा एसोसियेशन अध्यक्ष सूर्य प्रकाश वैश्य ने सभी को होली की बधाई देते हुए सभी आमंत्रित कवियों का आभार व्यक्त किया और हर साल यह आयोजन करने की घोषणा की।

इस अवसर पर एसोसियेशन के वरिष्ठ सदस्य रमेश गुप्ता, रचित वैश्य, महामंत्री शरद रस्तोगी, कोषाध्यक्ष नीरज रस्तोगी, कोषाध्यक्ष अरविंद वैश्य, सचित प्रकाश, नितिन कुमार, शोभित वैश्य, किशन वैश्य, शोभित वैश्य, विनय वैश्य, कुलदीप रस्तोगी, प्रथम रस्तोगी, मयूर गुप्ता, हिमांशु गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

 

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