बांदा : माफिया मुख्तार अंसारी का बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान निधन हो गया। दिल का दौरा पड़ने के कारण मुख्तार को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों का कहना है कि मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से अंसारी की मौत हुई है। गाजीपुर से अंसारी का परिवार बांदा के लिए निकल चुका है।

मुख्तार अंसारी की मौत का मेडिकल बुलेटिन जारी

मुख्तार अंसारी की मौत पर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा की ओर से मेडिकल बुलेटिन जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि 63 साल के मुख्तार अंसारी को 8:25 बजे इमरजेंसी में भर्ती कराने के बाद 9 डॉक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया। पहले मुख्तार को आईसीयू में रखा गया और उसके बाद हालत गंभीर होने पर कार्डियक केयर यूनिट यानी सीसीयू में शिफ्ट किया गया। यहां हार्टअटैक की वजह से मरीज की मौत हो गई।

जरायम से सियासत तक यूपी में मुख्तार का रहा दबदबा

यूपी की सियासत हो या जरायम की दुनिया, मुख्तार अंसारी का दबदबा हमेशा कायम रहा। मुख्तार पर हत्या के 8 मुकदमे समेत 61 मामले दर्ज हैं। मुख्तार का नाम 2005 में उस वक्त पूरे देश में चर्चित हो उठा, जब उसका बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में नाम आया था। कहा जाता है कि इस हत्याकांड में मशीनगन का इस्तेमाल किया गया था। मुख्तार ने 1996 में मऊ विधानसभा से जीत दर्जकर सियासत की दुनिया में पहला कदम रखा था।

ब्रजेश सिंह के साथ मुख्तार का रहा 36 का आंकड़ा

1988 में पहली बार लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या में मुख्तार अंसारी का नाम सामने आया था। 1990 के दशक में पूर्वांचल में क्राइम की दुनिया में दो माफिया ब्रजेश सिंह और मुख्तार अंसारी पैर जमा रहे थे। इस दौरान दोनों के बीच कई बार खूनी झड़प भी हुई थी। कहा जाता है कि 2002 में ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया था। इसमें मुख्तार अंसारी के तीन लोग मारे गए थे।

मुख्तार के दामन पर हत्या-किडनैपिंग के दाग

●1988 में लोकल ठेकेदार सच्चिदानंद राय हत्या में नाम

●1991 में चंदौली में पुलिसकर्मियों को गोली मारने का आरोप

●1991 में अवधेश राय (वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के भाई) की हत्या का आरोप

●1996 में एएसपी उदय शंकर पर जानलेवा हमले का आरोप

●1997 में कोयला व्यापारी रुंगटा का किडनैपिंग

●2005 में कृष्णानंद राय हत्या में नाम
इसके अलावा भी कई संगीन आरोप मुख्तार पर लगे।

 

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