शिक्षक दिवस पर एस.के. मल्होत्रा शिक्षा निकेतन में शिक्षक सम्मान समारोह एवं काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में तीन शिक्षकों, राजकीय इंटर कॉलेज के शिक्षक केहरी लाल, क्रिश्चियन हा०से० स्कूल के शिक्षक विक्रम सक्सेना एवं पूर्व मा. विद्यालय सिरासोल सीताराम अंबियापुर के शिक्षक अजीत रस्तोगी सुभाषित को सम्मानित किया गया| तीनों शिक्षकों को प्रतीक चिन्ह देकर व शाल पहना कर सम्मानित किया गया, तत्पश्चात कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने काव्य पाठ किया |
कार्यक्रम की अध्यक्षता एस.के. मल्होत्रा ने की तथा मुख्य अतिथि महेश मित्र व कार्यक्रम के आयोजक साहित्यकार अशोक खुराना रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीपक प्रज्ज्वलित कर व पुष्प अर्पित कर किया गया । मां शारदे की वंदना सरिता चौहान ने प्रस्तुत की।
कार्यक्रम के आयोजक अशोक खुराना ने पढ़ा –
शिक्षक देता प्रेरणा, चल शिक्षा की ओर
बिन शिक्षा के होत है, मानव अति कमज़ोर
महेश मित्र ने पढ़ा –
भावना है कि शुभ आचरण कर सकूँ
प्राप्त गुरु भार गुरु का वरण कर सकूँ
डॉ. विजय बिन्दु निर्बाध ने पढ़ा –
सच्चा गुरु परमात्मा, करे जगत कल्यान
वेदों की रचना करी, दे अंतस में ज्ञान
डॉ.कमला माहेश्वरी ने पढ़ा –
लेकर बोध से सिद्ध तक का दे शिक्षक ज्ञान
पहुँच तभी तो है गया चन्द्र धरा पर यान
डॉ. अरविन्द धवल ने पढ़ा –
गुरु की कृपा अपार है, इसे गा सका कौन
भाषाएँ बौनी लगीं, शब्द हो गए मौन
इनके अतिरिक्त चन्द्रपाल सिंह सरल, सुरेन्द्र नाज़, मनीष प्रेम, गुरुचरण मिश्र, अजीत सुभाषित, षटबदन शंखधार, अचिन मासूम ने काव्य पाठ किया | जगदीश सरन शर्मा ने शिक्षक के दायित्व पर अपने विचार रखे | एस.के. मल्होत्रा ने अध्यक्षीय उदबोधन दिया | अंत में आयोजक अशोक खुराना ने सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया | कार्यक्रम का सफल संचालन कवि भूराज सिंह लायर ने किया |