महिला मानदेय कर्मियों की आर्थिक सामाजिक राजनीतिक शैक्षिक पतन की जिम्मेदार देश की व्यवस्था -:मृदुलेश यादव राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय मध्यान भोजन रसोईया कर्मी वेलफेयर एसोसिएशन भारत

श्रीमती तुलसी जिला अध्यक्ष ने कहा रसोइयों कर्मी समेत किसी भी मानदेय कर्मी का शोषण बर्दाश्त नहीं

देशभर के मानदेय कर्मियों को एक पटल पर लाने के लिए करने होंगे सार्थक प्रयास

श्रीमती संगीता शर्मा जिला सचिव ने कहा सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय समान कार्य समान वेतन जल्द से जल्द लागू हो

अन्य महिला कर्मचारियों की भांति ही मानदेय महिला कर्मचारियों को भी मिले बराबरी का हक

*6 माह से रसोईया कर्मियों का मानदेय भुगतान नहीं*

8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला मजदूर दिवस से पूर्व आज दिनांक 5 मार्च स्थान शहीद पार्क बदायूं समय 12:00 महिलाओं के अधिकारों को लेकर संगोष्ठी आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता मृदुलेश यादव ने की अध्यक्षता करते हुए कहां देशभर में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़ते जा रहे हैं जो कि शर्मनाक है 1910 में क्लारा जेटकिन ने कामकाजी महिलाओं के एक अंतराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस दिन को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का सुझाव दिया. इस सम्मेलन में 17 देशों के करीब 100 कामकाजी महिलाएं उपस्थित थी, आज 113 वर्ष बाद भी महिला मानदेय कर्मियों आर्थिक सामाजिक राजनीतिक शैक्षिक गैर बराबरी के लिए जिम्मेदार संपूर्ण देश की प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था है

 

जिला उपाध्यक्ष शांति देवी ने कहा मात्र ₹2000 पाने वाले रसोईया कर्मियों का 6 महीने से भुगतान नहीं कर पा रही है अच्छे दिन वाली सरकार

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली व्यवस्था रसोइयों को नहीं कर पा रही है साक्षर

NILP New India literary program

नवीन भारत साक्षर कार्यक्रम संपूर्ण भारत में सफेद हाथी साबित हो रहा है

संगोष्ठी में

तुलसी देवी प्रेमपाल भारती चालीसा बेगम संगीता शर्मा शांति देवी मोहनलाल धर्मपाल राजबहादुर सरोजनी देवी निर्मला आशा सरस्वती हरदेवी राम ललित तेजपाल सावित्री गुड़िया ममता सोमवती भगवान देवी कमला गंगा देवी मुन्नी देवी धनवती राम देवी पूजा देवी नत्थू देवी विमला संतोष मीरा पुष्पा राम कली धन देवी फूलवती कलावती राजकुमारी सरोज देवी गीता देवी कृष्णा देवीूनम विद्यावती प्रवेश सकीना काजल भूदेवी कामता सुमन चंपा सुनीता, ईश्वर देवी,आशा मुन्नी देवी, जलधारा,संगीता, प्रेमवती, सुशीला,राज दुलारी, मोर कली, रामा देवी, सावित्री, सुकमा, रेशमा, सोमवती, जगबीर, गंगा देवी, रामवती, पीतम,रामप्यारी, सरोज, भगवान देवी, दुर्गेश, नन्ही, मोहनलाल , संगीता, राजपाल, रजनीश, रेखा, शीला, कांति, भूरी,  तुलसी, कन्यावती, सीमा, पिंकी, कुसमा, गंगा देवी, भगवान देवी, सर्वेषा, सुषमा, बिमला, राधा, मोरकली, मुन्नी देवी, राम दुलारी , सरस्वती, विठोलादेवी, मानमती, अनेक श्री, रामवती, सोमवती, शरबती, पिंकी, मधुबाला, समेत दर्जनों रसोइया मौजूद रहीं।

 

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