कासगंज: मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने में मीडिया और धर्म गुरुओं की अहम भूमिका- जिलाधिकारी।

नियमित टीकाकरण 12 जानलेवा बीमारियों से करता है। बचाव

जिलाधिकारी ने नवजात बच्चों को पोलियों ड्रोप पिलाकर टीकाकरण कराया गया।

जिलाधिकारी ने आमजनमानस लोगों से की अपील।

आज जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने मिशन इंद्रधनुष 5.0 का प्राइमरी विद्यालय प्रहलादपुर मे फीता काटकर किया शुभारंभ उन्होंने बताया कि सहयोगी संस्थाओं और मीडिया धर्मगुरूओ के सहयोग लेकर नियमित टीकाकरण किया जाए। इसका प्रचार प्रसार भी किया जाए और लोगों को जागृत भी किया जाए नियमित टीकाकरण बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है । इस संदेश को जन जन तक पहुंचाने की जरूरत है।

क्षय रोग, हेपेटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खाँसी, गलघोंटू, दस्त, खसरा, रतौंधी, हीमोफिलिसइंफ़्लूएंजे टाइप बी,और टिटनेस जैसी बीमारियों से बचाव में नियमित टीकाकरण की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बताया गया मिशन इंद्र धनुष 5.0 अनेक प्रकार के आयोजित किए जाएंगे। इसमें छूटे हुए बच्चे व गर्भवती का टीकाकरण किया जाएगा। नियमित टीकाकरण से कोई परेशानी नहीं होती है। यह बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, एवं जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है। उन्होंने मीडिया कर्मियों व धर्मगुरुओ से अपील की है कि छूटे हुए व उदासीन परिवारों के बच्चों के टीकाकरण में प्रचार प्रसार के जरिये सहयोग करें।

उन्होेंने बताया कि सघन मिशन इंद्र धनुष 5.0 तीन चरणों में चलाया जाएगा। पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक, द्वितीय चरण 11 से 16 सितम्बर तक और तृतीय चरण 9 से 14 अक्टूबर तक चलेगा। उन्होंने नियमित टीकाकरण के तहत दी जाने वाली वैक्सीन और टीकाकारण के समय दिये जा रहे चार मुख्य सन्देशों के बारे में भी अवगत कराया। बताया कि जन्म के तुरंत बाद या 24 घंटे के अंदर बीसीजी, ओपीवी और हेपेटाइटिस से बचाव के टीके लगाए जाते हैं। और यदि किसी कारणवश टीका नहीं लग पाता है तो ओपीवी की पहली खुराक एक माह तक दी जा सकती हैं। बीसीजी का टीका एक साल के अंदर लगवा सकते हैं। ओपीवी, पेंटा, रोटावायरस, पीसीवी, आईपीवी, के टीके डेढ़ माह, ढ़ाई माह, और साढ़े तीन माह में लगते है।

एमआर व विटामिन ए की खुराक जन्म के नौ माह पर दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि बीसीजी का टीका क्षय रोग, हेपाटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खाँसी गलघोंटू, खसरा, रतौंधी की बीमारी से बचाता है।कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.राजीव कुमार अग्रवाल, बेसिक शिक्षा अधिकारी राजीव कुमार, उप मुख्य चिकित्सा डॉ. अंजुस यूनिसेफ डीएमसी राजीव चौहान चिकित्सा एएनएम व स्टाफ मौजूद रहा।

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