1. किसान पराली न जलायें, गौशालाओं को दे दें या खाद बनायें-अध्यक्ष जिला पंचायत
  2. किसान जैविक खेती करने पर ध्यान दें-मुख्य विकास अधिकारी

कासगंज (सू0वि0)।  अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती रत्नेश कश्यप ने विकास भवन परिसर के सभागार में जिला स्तरीय फसल अवशेष प्रबन्धन गोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि फसल अवशेष व पराली जलाने से वायु प्रदूषण होता है, जिससे बीमारियां फैलती हैं। किसानों से आग्रह है कि पराली न जलायें, इसे गौशालाओं को दे दें या खाद बना लें। सरकार द्वारा पराली जलाने की किसानों पर हुई एफआईआर वापस ले ली गई है। फसलों के अवशेषों का सदुपयोग करें।

मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्र ने कहा कि किसान अपनी आय बढ़ाने और बेहतर जनस्वास्थ्य के लिये जैविक खेती करने पर अधिक ध्यान दंे और सरकारी योजनाओं का लाभ उठायें। भूमि की उर्वरा शक्ति बनाये रखने के लिये रसायनिक खादों व कीटनाशकों का असंतुलित प्रयोग न करें। पशु पालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन एवं उद्यानीकरण को जोड़कर किसान जैविक खेती करें तो काफी लाभकारी होगा। महावर तथा गंगा के किनारे स्थित ग्रामों में अनेकों कृषि उत्पादों की जैविक खेती की जा रही है, अन्य किसान भी इसे करें और लाभ उठायें। प्रगतिशील किसानों से प्रेरणा लें। किसान खेतों में फसल अवशेष व पराली किसी भी दशा में न जलायें अन्यथा पराली जलाने पर सरकार द्वारा निर्धारित जुर्माना देना पड़ेगा। पराली का सदुपयोग करें और अपनी आय बढ़ाने पर ध्यान दें।

इस अवसर पर जिला कृषि अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, गन्ना अधिकारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

 

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