कासगंज । जिले में महाशिवरात्रि से एक दिन पहले सोमवार की सुबह लहरा के गंगा घाट पर भोले की भक्ति का ऐसा नजारा नजर आया कि चारों ओर शिवभक्त ही नजर आ रहे थे। जितने कांवड़िये गंगाघाट की ओर आ रहे थे, उतने ही कांवड़िये कांवड़ भरकर कतारबद्ध होकर निकल रहे थे। 24 घंटे में चार लाख कांवड़ियों के कांवड़ भरकर ले जाने का अनुमान जताया गया है। आस्था के इस सैलाब में युवतियां और महिलाएं भी पीछे नहीं र्थी। हजारों लोग परिवार के साथ कांवड़ भरने पहुंचे।
सोमवार को गंगातट से लेकर कासगंज शहर तक शिवभक्ति का ऐसा सैलाब उमड़ा कि चारों ओर कांवड़ियों की सतरंगी टोलियां नजर आ रहीं थीं। गंगाघाट से लेकर बरेली-मथुरा मार्ग, बरेली-एटा मार्ग पर 20 से 30 किलोमीटर के दायरे में कांवड़ियों की अनवरत टोलियां चल रही थीं। टोलियों में चल रहे कांवड़ियों की जुबां पर हर हर महादेव के जयकारे थे। श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम हर किसी को शिव की भक्ति में डुबो रहा था।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि पर कांवड़ के जल से भोलेनाथ का अभिषेक करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। लोग अपनी मनौती को पूरा करने के लिए भी कांवड़ उठाने का संकल्प लेते हैं। इसी आस्था और संकल्प का सैलाब चारों ओर नजर आया। आगरा, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, सिकंदराराऊ सहित आसपास के हजारों कांवड़िये टोलियों के साथ कांवड़ भरने के लिए पहुंचे।
कांवड़ियों की टोलियों में महिलाओं की संख्या भी अधिक थी। वह भी कांवड़ कंधे पर लेकर आस्था के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रही थीं। रविवार की पूरी रात लहरा गंगाघाट पर कांवड़ियों ने अपनी कांवड भरीं। कांवड़ों को सजाया। श्रद्धा और आस्था का यह संगम सोमवार की रात तक गंगाघाटों पर बना रहा।
गंगा किनारे शिवभक्तों की जहां लंबी-लंबी कतारें लगी रही, वहीं उनकी सेवा में जुटे समाजसेवी सेवादार भी कम नहीं थें। हर कोई मनुहार करके कांवड़ियों की सेवा कर उन्हें भोजन करा रहा था। शिविरों में केवल खान पान ही नहीं बल्कि उनको दवाएं, मालिश के लिए तेल आदि उपलब्ध कराया गया।
सोमवार को कांवड़ियों की भीड़ के चलते जगह-जगह यातायात की समस्या उत्पन्न हुई। पुलिस ने व्यवस्था बनाने के लिए काफी इंतजाम किए। बरेली-मार्ग पर तो कांवड़ियों की कतारें आसानी से चलती रहीं, लेकिन लहरा, सोरों और शहर के बाजारों व सर्कुलर रोड पर जाम के हालात बन गए। बाईपास होकर पुलिस ने वाहनों का रूट भी डायवर्ट किया गया है।