गणेश जी मूर्ति खरीदते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसी मूर्ति घर लाएं जो शास्त्रों के मुताबिक सही हो। यानी धर्म ग्रंथों में गणेश जी का जैसा रूप बताया है, उनकी मूर्ति भी वैसी ही होनी चाहिए। अग्नि, पद्म, स्कंद, वाराह, भविष्य, ब्रह्मवैवर्त, शिव और गणेश पुराण में भगवान गणपति के रंग और रूप के बारे में बताया गया है। वैसी ही मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। जिससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

धर्मग्रंथों के जानकार डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि मिट्टी के गणेश ही घर लाने चाहिए या मिट्टी से खुद बनाने चाहिए। प्लास्टर ऑफ पेरिस या अन्य केमिकल्स के उपयोग से बनी मूर्तियों की पूजा नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा सफेद मदार की जड़ से बने गणेश जी की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। वहीं धातुओं में सोना, चांदी या तांबे की मूर्तियों की भी पूजा कर सकते हैं।

कैसी होनी चाहिए गणेशजी की प्रतिमा
1.
बैठे हुए गणेश जी की प्रतिमा लेना शुभ माना गया है। ऐसी मूर्ति की पूजा करने से स्थाई धन लाभ होता है और कामकाज में आने वाली रुकावटें भी खत्म हो जाती हैं।
2. गणेश जी को वक्रतुंड कहा जाता है। इसलिए उनकी सूंड बांई और मुडी हुई होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और संकटों से छुटकारा मिल जाता है।
3. जिस मूर्ति में गणेश जी के कंधे पर नाग के रुप में जनेउ न हो। ऐसे मूर्ति नहीं लेनी चाहिए।
4. जिस मूर्ति में गणेश जी का वाहन न हो ऐसे प्रतिमा की पूजा करने से दोष लगता है।
5. शास्त्रों में गणेश जी को धूम्रवर्ण बताया गया है, यानि गणेश जी का रंग धुएं के समान है। इसलिए गणेश जी की ऐसी मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए।
6. गणेश जी को भालचंद्र भी कहते हैं इसलिए गणेश जी की ऐसी मूर्ति की पूजा करनी चाहिए जिनके भाल यानी ललाट पर चंद्रमा बना हुआ हो।
7. गणेशजी की ऐसी मूर्ति की स्थापना करनी चाहिए जिसमें उनके हाथों में पाश और अंकुश दोनों हो। शास्त्रों में गणेश जी के ऐसे ही रुप का वर्णन मिलता है।

 

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