शुक्र ग्रह राशि बदलकर वृषभ में आ गया है। वृष शुक्र के स्वामित्व वाली राशि है। ये ग्रह 28 मई तक वृष राशि में ही रहेगा। इस राशि में शुक्र-बुध और राहु का योग बन गया है। इस योग से गेहूं के दामों में तेजी आएगी। कपास, चावल, दाल, सब्जियों और फलों में दाम बढ़ सकते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार शुक्र का अपनी स्वयं की राशि में राहु के साथ आ जाने से वर्तमान में जो देश में समस्याएं चल रही हैं। उनमें थोड़ी राहत की प्राप्ति होगी। 9 मई से 13 मई के तक समस्याओं का ज्यादा प्रभाव रहेगा। जनता में रोष व्याप्त होगा। अनाज, गुड़, लोंग, सुपारी, दालचीनी, सेंधा नमक, लाल मिर्च, पान और किराना सामान में इस समय तेजी रहेगी। इसके बाद से समय में सुधार होगा।
पं. शर्मा के अनुसार जानिए सभी 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आने वाला समय…
मेष– इस राशि के लिए दूसरा शुक्र लाभ देने वाला होगा। संतान से सुख प्राप्त होगा। अपने लिए समय निकाल पाएंगे।
वृषभ– प्रथम शुक्र सामान्य रहने की संभावना है। कार्यों के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। निवेश से बचें।
मिथुन– बारहवां शुक्र दांपत्य जीवन में खटास बढ़ा सकता है। प्रेम प्रसंगों में भी निराशा होगी। कार्य अधिक होंगे।
कर्क– एकादश शुक्र न्यायालयीन कार्यों में सफलता दिलाने वाला होगा। नई योजनाओं को पूर्ण करने की जवाबादारी मिलेगी।
सिंह– दशम शुक्र रुके कार्यों में गति प्रदान करेगा। निश्चित समय में कार्य करने में सक्षम होंगे। रुका हुआ पैसा मिलेगा।
कन्या- नवम शुक्र ओजस्विता में वृद्धि करेंगा। अति आत्मविश्वास हानिकारक होगा। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा।
तुला- अष्टम शुक्र अटके धन की प्राप्ति कराएगा। वरिष्ठों से सहयोग प्राप्त होगा। विषम परिस्थितियों से निपटने में सक्षम होंगे।
वृश्चिक– सप्तम शुक्र उत्साह में वृद्धि और सकारात्मक सोच प्रदान करेगा। धन लाभ के पूर्ण आसार हैं। तकनीक के क्षेत्र में कार्य करने वालों को लाभ होगा।
धनु- षष्ठम शुक्र कार्यों में वृद्धि करने वाला होगा। मेहनत अधिक और क्रेडिट कम मिलेगा। क्रोध बना रहेगा।
मकर– पंचम शुक्र बेहतर स्थितियों को निर्मित करेगा। अनुमान से अधिक लाभ प्राप्त करेंगे और सोचे हुए काम समय पर होंगे।
कुंभ– चौथा शुक्र कुछ व्यापारिक गतिविधियों को बाधित कर सकता है। दांपत्य जीवन में भी तनाव रहने की संभावना है।
मीन- तीसरा शुक्र रिश्तेदारों से मिलन करवाएगा। पारिवारिक स्थितियों में सुधार होगा। कार्यक्षेत्र बढेग़ा।