BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ

रिपोर्ट- इन्तजार हुसैन

आजः बदायूँ शहर के पंचायत भवन सभागार में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित एवं कित्सा वेलफेयर सोसाइटी, लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यक्रम दो दिवसीय सेमिनार/कार्यशाला का आयोजन दिनांक 29 जून से किया जा रहा था,

जिसका सफलतापूर्वक समापन आज किया गया। इस कार्यक्रम के अतिथिगण डॉक्टर सुनील शुक्ल जी, श्रीमती अंजलि वर्मा, अधिवक्ता, श्री पप्पू फ़ारूक़ी, पार्षद, श्री फ्लेश बाजपाई मुख्य रूप से उपस्थित रहें।


संस्था द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय सेमिनार में वक्फ सम्पत्तियों के विकास एवं स्थायी व्यवसायिक उपयोग के विचार उत्पन्न करने और उनसे जोड़ने के साथ-साथ भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला गया। प्रतिभागियों से यह अपेक्षा की गयी कि निकट भविष्य में इन योजनाओं का सफलतापूर्वक लाभ उठा सकें। इस सेमिनार/कार्यशाला में प्रतिदिन अल्पसंख्यक समुदाय के 50-50 महिलाएं एवं पुरूषों ने प्रतिभाग किया।


इस सेमिनार/कार्यशाला के मुख्य वक्ताओं में श्री अरशद अली, समाजसेवी, फलेश बाजपेई, डाॅ0 सुनील शुक्ला इत्यादि लोग उपस्थित रहें।
वक्तागणों ने अपने सम्बोधन में कहा कि संस्था द्वारा जनपद बदायूॅ क्षेत्र जो प्रयास किये जा रहे है वह काफी प्रशंसनीय है। यहां अल्पसंख्यक समुदाय सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से काफी पीछे है। साथ ही यह भी कहा कि संस्था वक्फ सम्पत्तियों के व्यवसायीकरण के साथ-साथ, भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं के बारे में अल्पसंख्यकों को जागरूक कर रही है, जो काफी सराहनीय कार्य है। इसी जनपद में पीरों का वास है। यहां पर छोटे सरकार एवं बड़े सरकारों की आस्ताने है। यदि हम लोग इन दोनों आस्तानों को धार्मिक उद्देश्य के साथ-साथ पर्यटन हेतु विकसित करेंगे तो इस क्षेत्र में प्रदेश की जनता के साथ-साथ देश-विदेश भर की जनता (श्रद्धालु) आयेंगे, जिससे सम्पूर्ण जनपद को पर्यटन का लाभ मिलेगा और आर्थिक विकास होगा।
श्रीमती अंजलि वर्मा. ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह अल्पसंख्यक समुदाय शैक्षिक दृष्टि से काफी पीछे है, यदि आपको समाज की मुख्य धारा में शामिल होना है, तो शिक्षा को अपने जीवन में उतारना ही होगा। इस्लाम में शिक्षा का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है और शिक्षा ग्रहण करने पर जोर भी दिया गया है, परन्तु अत्यन्त खेद का विषय है आज का अल्पसंख्यक समुदाय शिक्षा को छोड़कर कारोबार में जुट गया है, जिस कारण यह समुदाय शैक्षिक रूप से काफी पिछड़ गया है।
अन्य अतिथिगणों ने अपने सम्बोधन में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में प्रतिभागियों को विस्तृत रूप से जानकारी दी तथा वक्फ सम्पत्तियों को कैसे विकसित करें, जिससे क्षेत्र के विकास के साथ-साथ आर्थिक तथा सामाजिक सशक्तिकरण उत्पन्न किया जा सकें, के बारे में बताया।
कार्यक्रम के अन्त में संस्था प्रबन्धक ने मुख्य अतिथि सहित आये हुए अन्य अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद किया और विशेष सहयोग के लिए इंतेजार, नाजिश अल्वी, जमीर, नरगिस का भी धन्यवाद किया तथा सुक्ष्म अल्पाहार हेतु निवेदन करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।
भवदीय

( उपेन्द्र सिंह )
व्यवस्थापक

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