इंसानियत को शर्मसार करने बाली घटना जिला अस्पताल में रूकने का नाम नही ले रहीं हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को देखने को मिला।बिल्सी निबासी एक युवक की उपचार के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन से शव वाहन मांगते रहे लेकिन उन्हें शव वाहन नही मिला तो पीड़ित परिवार टैम्पू से शव को घर ले गए।
बताते चले पहले से इंसलियत को शर्मसार करने का कंलक झेल रहा जिला अस्पताल प्रशासन का एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला चेहरा सामने आया है। बिल्सी के वार्ड 16 निबासी हरिओम(35) संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गया था। जिसे उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजन शव को घर ले जाने के अस्पताल से मुक्त मिलने शव वाहन की मांग अस्पताल प्रशासन से की। मृतक के परिजनों की तमाम मिन्नत के बाद भी उन्हें शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया। आखिर में परिजनों को अपने पैसे से टैंपों पर शव को ले जाना पड़ा।
सरकार भले ही आंकड़ों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने के लाख दावे कर ले, लेकिन बदायूं में जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। दरअसल जिले में ध्वस्त हो चुकी निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा के चलते मरीज कहीं अपने पिता के कंधों पर दम तोड़ रहे हैं तो कहीं परिजन मरीज को ठेलिया और चारपाई से ढो रहे हैं। ये हम नहीं बल्कि पिछली कई घटनाएं इसका जीता जगता उदाहरण है। हालांकि इस मामले में अब विभागीय अधिकारी कार्रवाई की बात कह रहे हैं। इन मामलों को अभी लोग सही से भूल भी नहीं पाए थे कि बदायूं में इंसानियत को झकझोर देने वाला मामला प्रकाश में आया है।