जिला संवाददाता विजय कुमार वर्मा
बदायूँ  : परिषदीय स्कूलों में सोमवार से ऑनलाइन उपस्थिति को लागू किया जा चुका है। इसके विरोध में तमाम शिक्षक संगठन एकजुट हो गए हैं।

विकास क्षेत्र म्याऊं बीआरसी पर उपस्थित पदाधिकारी गण


प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश किए जाने से प्रदेश के शिक्षकों में घोर आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में शिक्षकों का कहना है कि शासन स्तर से शिक्षकों की विभिन्न मांगे बहुत समय से लंबित है। शिक्षकों  के कार्यस्थल जनपद स्तर से सुदूर गांव में स्थित है जहां पर आने-जाने के साधन के साथ-साथ खराब सड़के,  बारिश में जल भराव समेत तमाम समस्याएं है। राज्य कर्मचारी एवं बेसिक शिक्षा विभाग के ही अधिकारियों और कर्मचारियों को एक वर्ष में 31 उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्थ दिवस आकस्मिक अवकाश आदि अनुमन्य है तो परिषदीय शिक्षकों को क्यों नहीं दिए जाते है। मंगलवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले प्रदेश के 831 विकास क्षेत्र के ब्लॉक संसाधन केदो पर संगठन की ब्लॉक स्तरीय कार्य समिति एवं संघर्ष समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई गई।

उसावां बीआरसी पर उपस्थित शिक्षक प्रतिनिधि


इसी क्रम में बदायूँ में मंगलवार को 15 विकास क्षेत्र में अध्यक्ष मंत्री कोषाध्यक्ष कार्य समिति सदस्यों की बैठक हुई। विकास क्षेत्र  जगत के शिक्षकों की बैठक शिक्षक भवन पर जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा की अध्यक्षता में की गई। बैठक में आए पदाधिकारी का कहना है कि शिक्षकों से संबंधित कुल 21 मांगे  लंबित है।  शासन स्तर से प्रांतीय पदाधिकारी को बैठक कर आश्वासन भी दिया गया था परंतु अभी तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है।
इसी बीच महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से 8 जुलाई से शिक्षकों की टेबलेट के माध्यम से हाजिरी दिए जाने के आदेश जारी कि किए गए जबकि शिक्षकों की मूलभूत मांगो यथा  31 उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्थ दिवस आकस्मिक अवकाश  देने पर सरकार की ओर से कोई विचार नहीं किया गया। ऑनलाइन हाजिरी भी किसी अन्य विभाग की बजाय शिक्षकों पर पहले लागू करना शिक्षकों की कर्तव्यनिष्ठा पर प्रश्न चिन्ह क्यों लगाया जा रहा है?
संगठन के जिला अध्यक्ष संजीव शर्मा ने बताया कि 11 जुलाई को समस्त विकास क्षेत्र में ब्लॉक स्तरीय पदाधिकारी द्वारा संबंधित ब्लाक के समस्त शिक्षकों, शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों, शैक्षिक संवर्ग के लोगों को को  अपराह्न 2:00 बजे  बुलाया जाएगा एवं उनसे ऑनलाइन उपस्थिति पर सहमति या असहमति ली जाएगी। यदि  शिक्षकों द्वारा ऑनलाइन हाजिरी के प्रति असहमति का प्रतिशत अधिक होगा तो शिक्षकों की लड़ाई उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले लड़ी जाएगी। इसके संदर्भ में प्रांतीय नेतृत्व द्वारा चरणबद्ध योजना तैयार कर ली गई है। विकास क्षेत्र से असहमति का प्रस्ताव आने पर 14 जुलाई को  जनपद के समस्त विकास शेत्रों के पदाधिकारी जिला कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक कर 15 तारीख को ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को संबोधित ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को  सौपा जाएगा। यदि  दी गई समय सीमा में भी समस्याओं का निराकरण नहीं होता तो आगामी 23 जुलाई को जनपद के समस्त शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करेंगे।
बैठक में ब्लॉक वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंकज पाठक, कोषाध्यक्ष अरुण सक्सेना, तहसील प्रभारी प्रीति राठौड़, श्वेता आर्य, कुसुम रानी, कामिनी, अमित यादव, त्रिभुवन राठौर, सुरजीत सिंह, नदीम, युधिष्ठिर सुमन, आयुष भारद्वाज, सुभाष चंद्र, वैभव श्रोत्रिय, अनिल कुमार आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।

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