BUDAUN SHIKHAR

बदायूँ

रिपोर्ट-आसिम अली


सहसवान– जहा केंद्र और राज्य सरकार स्वास्थ्य बिभाग की सुबिधाओं को बढ़ाने के लिए प्रति दिन नई नई सुबिधा बढ़ा रही है वही क्षेत्र में झोला छाप डॉक्टरों की भरमार है झोला छाप डॉक्टर आये दिन भोली भाली जनता से अच्छा खासा पैसा भी ऐंठते है जब बात उनकी पकड़ से दूर होती है तो नगर के कुछ निजी चिकित्सालयों में ऐसे मरीजो को रेफर कर देते है जहा से उनका कमीशन निर्धारित रहता है साथ ही कभी कभी इन चिकित्सको की लापरवाही के चलते कई मरीज अपनी जान से हाथ धो बैठते है तो कुछ लोग बिकलांग तक बन जाते है क्षेत्र में खासतौर पर ग्रामीण अंचल भवानीपुर,नदायल,हिंडोर,बाजपुर,चमनपुरा, हरदत्तपुर, डकारा, समदा,सिरकी दम्मू सहित दर्जनों ग्रामो में भारी तादात में झोला छाप डॉक्टरों की भरमार है बात की जाय नगर की तो नगर की गली मोहल्लों में संचालित झोलाछाप डॉक्टरों की दुकानों पर गांवों से आने वाले मरीजों का इलाज किया जा रहा है। गली मोहल्लों में संचालित क्लीनिकों पर झोलाछाप डॉक्टर नब्ज देखकर ही दवाइयां देना शुरू कर देते हैं‍ जिससे मरीजों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। कस्बे में वहीं कई अवैध पैथोलॉजी लेब भी संचालित हैं, जिनके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है
स्थिति यह है कि इनके पास कोई डिग्री है न कोई इलाज करने का लाइसेंस है फिर भी यह लोगों का इलाज कर रहे है। यह सब स्वास्थ विभाग की अनदेखी एवं निष्क्रियता को सामने लाता है। जब झोलाछाप डॉक्टर्स के इलाज से मरीज के साथ कोई घटना घटित होती है। तब शासन प्रशासन और स्वास्थ विभाग जागता है उसके बात कार्रवाई करने की बात की जाती है और पंजीकृत अपंजीकृत डॉक्टर्स की सूची तैयार की जाती है।

कंपाउंडरी करने के बाद खोल लेते हैं क्लीनिक

मेडिकल साइंस व दवाओं के बारे में जानकारी न होने के बाद भी झोलाछाप हर मर्ज का शर्तिया इलाज करने का दावा करते हैं। इलाज कराने वाले लोगों को फायदा तो नहीं होता बल्कि उनका मर्ज और बढ़ जाता है। कुछ ऐसे झोलाछाप भी हैं, जो बड़े डॉक्टरों के नर्सिंग होम में कुछ दिन कंपाउंडरी करने के बाद से ही क्लीनिक चला रहे हैं।

बिना लाइसेंस के रखते हैं दवाओं का स्टॉक

झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा बिना ड्रग लाइसेंस के दवाओं का भंडारण विक्रय भी किया जाता है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई नहीं करता। इन डॉक्टरों की कमाई मौसमी बीमारियों के फैलने से अधिक होती है। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीडि़त हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। उल्टी, दस्त, बुखार जैसी बिमारियों में वे ग्लूकोज की बोतलें चढ़ाना शुरू कर देते हैं। तो वही नगर व देहात में चल रहे मेडिकल स्टोर के संचालक भी दवाये देते नजर आते है जल्द ही समय रहते इन झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध स्वास्थ्य विभाग को करनी चाहिए

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