बदायूं : तामपान खिसकने के साथ ही आलू की फसल पर पाले की मार की संभावना बढ़ गयी है। ऐसे में आलू उत्पादक परेशान हो रहे हैं, लेकिन उन्हें परेशान होने के बजाय फसल को खराब होने से बचाने के लिये उपाय अपनाने की जरूरत है। आलू उत्पादक फसल को नुकसान होने से बचाने के लिये गंदक का स्प्रे कर सकते हैं।
जिले के किसानों ने 25 हजार हेक्टेयर पर कुपरी आनंद समेत चिपसोना वैरायटी के आलू की 25 हजार हेक्टेयर पर खेती की है। इन दिनों आलू की फसल के हिसाब से मौसम विपरीत है। रात्रि का तापमान सात डिग्री सेल्सिसय तक पहुंच गया है। पाला भी रात में पड़ रहा है। ऐसे में आलू की फसल खराब होने की संभावना बढ़ गयी है। कृषि वैज्ञानिकों ने आलू उत्पादकों को फसल पाले की मार से बचाने के लिये कुछ उपाय बताये हैं, जिन्हें अपनाकर किसान फसल को खराब होने से बचा सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र उझानी के प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि किसान आलू की फसल को पाले के प्रभाव से बचाने के लिये गंदक गुलघनशीन 80 प्रतिशत का घोल तैयार कर स्प्रे करें। एक एकड़ फसल के लिये 400 ग्राम गंदक का 200 लीटर पानी में घोल तैयार करें। इसके अलावा किसान फसल की हल्की सिचाई करके भी पाले की मार से बचा सकते हैं।