पंडोरा पेपर्स

वाशिंगटन : पैंडोरा पेपर्स को सामने लाने वाले पत्रकार समूह और उसे सबसे पहले छापने वाले दुनिया के मीडिया घरानों को मानहानि के मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। इसके पहले जब इसी पत्रकार समूह- इंटरनेशनल कॉन्जॉर्टियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (आईसीआईजे) ने पनामा और पैराडाइज पेपर्स नाम से टैक्स चोरी दुनिया में चल रहे नेटवर्कों का खुलासा किया था, तब ऐसा मुकदमा किसी पक्ष ने दायर नहीं कराया। लेकिन इस बार जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय ने मुकदमा दायर कराने के लिए अमेरिका में एक लॉ फर्म से अनुबंध किया है। बताया जाता है कि शाह अब्दुल्ला अपनी कथित मानहानि के बदले बड़ी रकम मुआवजे के रूप में मांगेंगे।
न्यूज वेबसाइट एक्सियोस.कॉम ने बताया है कि लॉ फर्म के साथ जॉर्डन के शाह के अनुबंध से संबंधित दस्तावेज उसने देखे हैं। दूसरी मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि पैंडोरा पेपर्स में अपना नाम आने से शाह अब्दुल्ला बहुत खफा हैं। उन्हें इन पेपर्स में दिए जाने वाले ब्योरे के भनक पहले ही लग गई थी। इसलिए पैंडोरा पेपर्स के जारी होने के एक हफ्ता पहले ही जॉर्डन के शाही कोर्ट ने लॉ फर्म डीएलए पाइपर के साथ करार किया।
इस करार के मुताबिक डीएलए पाइपर शाह अब्दुल्ला को संभावित मानहानि मुकदमे में कानूनी सलाह देगा। साथ ही इस मसले की जांच या किसी अन्य कानूनी मामलों में भी उन्हें उचित परामर्श मुहैया कराएगा। डीएलए पाइपर की पार्टनर और वाशिंगटन में उसकी शाखा प्रमुख मेरी एलिजाबेथ गेटली इसमें प्रमुख भूमिका निभाएंगी। इसके बदले उन्हें हर घंटे 1,335 डॉलर की फीस मिलेगी। एक्सियोस.कॉम के मुताबिक गेटली ने इस बारे में इस वेबसाइट की तरफ से भेजे गए सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया।
आईसीआईजे और वाशिंगटन पोस्ट ने शाह अब्दुल्ला के बारे में जो जानकारी प्रकाशित की है, उस पर डीएलए पाइपर ने एक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि शाह अब्दुल्ला की जिन संपत्तियों का जिक्र किया गया है, उसमें कुछ भी अनुचित नहीं है। न ही उसके आधार पर कोई कानूनी कार्रवाई हो सकती है। पैंडोरा पेपर्स में ये ब्योरा दिया गया है कि शाह ने ऑफशोर (टैक्स हैवेन्स में दर्ज कराई गई) कंपनियों में अपने पैसे और जायदाद का निवेश किया है। इन दस्तावेजों में दुनियाभर के धनी-मानी देशों और कंपनियों के टैक्स चोरी के मकसद से ऑफशोर निवेश का विवरण दिया गया है। बताया जाता है कि इसको लेकर कई देशों में हलचल मची हुई है।
अमेरिका में ये मांग अब जोरशोर से उठ रही है कि अमेरिकी सरकार चोरी-छिपे होने वाले धन के अंतरराष्ट्रीय प्रवाह को रोकने के लिए कार्रवाई करे। अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य जॉन कर्टिस और डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य टॉम मेलिनोवस्की ने एक संयुक्त बयान में कहा है- ‘पैंडोरा पेपर्स के सामने आने से ये साफ जाहिर हो गया है कि विदेशी भ्रष्टाचार लगातार एक बड़ा खतरा बना हुआ है।’ ये दोनों नेता टैक्स चोरी और विदेशी भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस की समिति के सह-अध्यक्ष हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *