नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कई अहम योजनाओं को मंजूरी दे दी। इनमें 76,000 करोड़ रुपये की लागत वाली सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्यूफैक्चरिंग योजना और 22 लाख किसानों को लाभ पहुंचाने वाली प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक के बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सेमीकंडक्टर्स मैन्यूफैक्चरिंग योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है। इसके तहत देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का डिजाइन, फैब्रिकेशन, पैकेजिंग, टेस्टिंग और कंप्लीट इकोसिस्टम डेवलप किया जाएगा। भारत को इसका ग्लोबल हब बनाने के लिए 2.3 लाख करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन’ शुरू किया जाएगा।
इनमें इस्तेमाल होते हैं सेमीकंडक्टर्स
सेमीकंडक्टर्स का इस्तेमाल स्मार्टफोन, डेटा सेंटर्स, कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, स्मार्ट डिवाइसेस, वाहन, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, जीवन रक्षक उपकरण, एटीएम आदि में होता है। मोदी सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना चाहती है। मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई योजनाएं लाई है। सेमीकंडक्टर हब बनाने से देश में मैन्युफैक्चरिंग बेस मजबूत होगा। डिस्प्ले के लिए एक—दो यूनिट स्थापित करने तथा डिजाइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपोनेंट्स के लिए 10-10 इकाइयां लगाने की योजना है।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद सिंह शेखावत ने बताया कि देश में सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग का एक पूरा इकोसिस्टम स्थापित करने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट पर 6 साल में 76,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इसी तरह मंत्री शेखावत ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021-26 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है। इससे करीब 22 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज भारत के करीब 20% इंजीनियर्स सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में हैं। इस संख्या को बढ़ाने के लिए 85 हजार हाइली क्वालिफाइड, वेल ट्रेंड इंजीनियर के लिए ‘चिप्स टू स्टार्टअप’ प्रोग्राम बनाया गया है। जिसमें बी-टेक, एम-टेक, पीएचडी इंजीनियर्स को तैयार किया जाएगा।
डिजिटल पेमेंट बढ़ाने के लिए 1300 करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे
उन्होंने कहा कि भारत ने RuPay कार्ड बनाया, इसे और अधिक डेवलप करने के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) में पर्सन टू मर्चेंट पेमेंट को भारत सरकार RuPay डेबिट कार्ड और UPI पेमेंट के लिए रिइम्बर्स करेगी। 1 साल में 1300 करोड़ रुपये इन्वेस्ट होंगे, जिससे ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट की ओर बढ़ें।