BUDAUN SHIKHAR
16-07-2019
बदायूं शिखर
सहयोगी
आज तक केसरी
हिमाचल प्रदेश
शिमला
अजय शर्मा
स्टेट ब्यूरो
( खबर – शिमला डैक्स कार्यालय )

आज आषाढ़ पूर्णिमा का दिन है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। इस लिहाज से चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है।इस बार के चंद्रग्रहण की दो खास बातें हैं। पहली यह कि 149 साल बाद गुरुपूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। गुरुपूर्णिमा के दिन हिंदू और बौद्ध मतावलंबी अपने आध्यात्मिक गुरुओं एवं शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हैं।दूसरी, अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा अपोलो 11 मिशन की लॉन्चिंग की 50वीं सालगिरह है। इसी मिशन में चांद पर इंसान का पहला कदम रखे जाने में सफलता हासिल हुई। पिछली बार 12 जुलाई, 1870 को गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण एक साथ पड़े थे। हिंदू पंचांग की मानें तो इस ग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है।हम जानते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान धरती और चांद एक सीध में आ जाते हैं। इस वजह से पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है और चांद का रौशन हिस्सा ढक जाता है। पृथ्वी की छाया के दो हिस्से होते हैं- केंद्रीय हिस्सा जिसे अंब्र कहते हैं और दूसरा, बाह्य हिस्सा जिसे पेनंब्र कहा जाता है। जब पूरा चांद पृथ्वी की केंद्रीय छाया से गुजरता है या जब सूर्य, पृथ्वी और चांद, तीनों एक सीध में आ जाते हैं तो पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है। लेकिन, जब चांद का कुछ हिस्सा केंद्रीय अथवा बाह्य छाया से होकर गुजरता है हमें आंशिक चंद्रग्रहण देखने को मिलता है। जब चांद पर पृथ्वी की केंद्रीय छाया तनिक भी नहीं पड़ती है और वह बाह्य छाया से ही ढका रहता है तो उसे बाह्य चंद्र ग्रहण कहते हैं।चंद्रग्रहण के दिन तांत्रिक सबसे ज्यादा सक्रिय होते है जो इस खास दिन जादूटोने जैसे टोटको पर काम करते है तो कुछ तांत्रिक सिद्धियां हासिल करते है सिद्धियां हासिल करने वाले तांत्रिक लोगो का भला करते है तो कुछ तांत्रिक पैसो के लालच का सहारा लेकर दुश्मनों पर काला जादू करने का काम भी खूब करते है ।अगर हम अपने सिद्धियां हासिल करने वाले तांत्रिको की मानो तो उनके अनुसार मंडी में आज कुछ गलत तांत्रिक सबसे ज्यादा सक्रिय है जो काला जादू का सहारा लेकर लोगो पर जादू करने का दावा करते है और इन तांत्रिको के बहकावे में कुछ लोग आ जाते है ।मंडी में इस समय करीब 35 तांत्रिक सिद्धियो को हासिल कर रहे है*आज सूतक के 9 घण्टे पहले चंद्रग्रहण का प्रभाव शुरू हो जाएगा भारतीय समय के अनुसार चंद्रग्रहण 4 बजकर 31 मिंट पर शुरू हो जाएगा ।सूतक से पहले ही गुरु पूरिणीमा की पूजा के बाद सभी मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे

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