BUDAUN SHIKHAR-UP

फर्रूखावाद

रिपोर्ट-हर्ष वर्मा

अस्तित्व खो चुकीं बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवित करने के लिए जिला प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। बूढ़ी गंगा को अस्तित्व में लाने के लिए 36 किलोमीटर तक कायमगंज ब्लाक में खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है 12 ग्राम पंचायतें दायरे में है मनरेगा के अंतर्गत कार्य की शुरुआत हो चुकी है। मुख्य विकास अधिकारी डा.राजेंद्र पेंसिया, जिला विकास अधिकारी दुर्गादत्त शुक्ल ने कायमगंज के दो गांव में जाकर काम का जायजा लिया। सीडीओ ने बताया कि टेस्टिंग के रूप में फिलहाल काम शुरू कराया गया है। जिले में किसी जमाने में बूढ़ी गंगा अस्तित्व में थीं। धीरे धीरे उसका अस्तित्व ही खत्म हो गया। बूढ़ी गंगा के अस्तित्व को लाने के लिए जिला प्रशासन ने पिछले दिनों ही पूरी कार्ययोजना तैयार की है। मुख्य विकास अधिकारी की पहल पर इस पूरे कार्य का खाका तैयार किया गया। बूढ़ी गंगा के लिए 36 किलोमीटर की लंबी खुदाई होगी। इसमें 12 ग्राम सभाओं को शामिल किया गया है। सादनगर, नरायनपुर में मनरेगा के अंतर्गत रविवार को खुदाई का काम शुरू कराया गया। यहां पर कायमगंज ब्लाक के खंड विकास अधिकारी भी मौजूद रहे। अलग अलग दिनों के हिसाब से मनरेगा मजदूरों के लिए रोस्टर तैयार किया गया है। जिला विकास अधिकारी ने बताया कि मनरेगा से सात लाख का प्रोजेक्ट तैयार हुआ है। टेस्टिंग का काम यदि सफल होता है तो इसके बहुत अच्छे परिणाम आएंगे। उन्होंने बताया कि सिकंदरपुर अगू से लेकर शमसाबाद क्षेत्र के गांव तक खुदाई का काम शुरू होकर बूढ़ी गंगा को पुनैजीवित किया जाएगा।

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